भारत के गोल्डन ब्वॉय हैं नीरज चोपड़ा, हर इवेंट में लहराते हैं परचम!
- भारत के गोल्डन ब्वॉय हैं नीरज चोपड़ा, ओलंपिक से लेकर एशियन गेम्स तक, हर इवेंट में लहराते हैं परचम
एशियन गेम्स में भारत के नीरज चोपड़ा ने लगातार दूसरी बार गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया है। वहीं भारत के ही एक और खिलाड़ी ने इस इवेंट का सिल्वर अपने नाम किया।
हरियाणा के एक गांव से भारतीय खेलों के सबसे बड़े सितारों में नाम दर्ज कराने तक का नीरज चोपड़ा सफर इतना गौरवमयी रहा है कि वह हर कदम पर एक नई विजयगाथा लिखते चले जा रहे हैं. नीरज ने अपना वजन कम करने के लिए खेलना शुरू किया था दरअसल, बचपन में बेहद शरारती चोपड़ा संयुक्त परिवार में पले और लाड़ प्यार में वजन बढ़ गया. परिवार के जोर देने पर वजन कम करने के लिए उन्होंने खेलना शुरू किया. उनके चाचा उन्हें पानीपत के शिवाजी स्टेडियम ले जाते. उन्हें दौड़ने में मजा नहीं आता, लेकिन भाला फेंक से उन्हें प्यार हो गया.
दो साल पहले टोक्यो में उन्होंने ओलंपिक ट्रैक और फील्ड स्पर्धा में भारत की झोली में पहला पीला तमगा डाला. उस समय उनकी उम्र सिर्फ 23 साल थी और महान निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के बाद ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाले वह दूसरे भारतीय बने.
एशियन गेम्स में जैवलिन थ्रो में भारत ने गोल्ड और सिल्वर दोनों अपने नाम करके इतिहास रच दिया है. गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने गोल्ड जीता तो वहीं किशोर कुमार ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया.दोनों की जीत ने देश के लोगों का सीना गर्व से और भी ऊंचा कर दिया है. एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने के बाद से ही नीरज चौपड़ा के घर में जश्न का माहौल है.घर में बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है,मिठाइयां बांटकर परिवार द्वारा खुशी मनाई जा रही है.
बेटे की जीत से खुश नीरज के पिता सतीश चोपड़ा ने बताया कि हर बार की तरह इस बार भी उन्हें अपने बेटे की जीत पर बहुत गर्व है. किशोर कुमार के सिल्वर मेडल जीतने पर सतीश चोपड़ा का कहना है कि उन्हें खुशी है कि देश में और भी अच्छे खिलाड़ी तैयार हो रहे है. नीरज चोपड़ा के पिता ने बताया कि मैच से पहले नीरज चोपड़ा ने उनसे कहा था कि वो देश के लिए मेडल जीतने में अपनी पूरी जान लगा देंगे. सतीष चोपड़ा का कहना है कि जब तक मेरे बेटे के शरीर में जान है तब तक वो देश के मेडल जीतता रहेगा.
वर्ल्ड चैंपियन नीरज चोपड़ा ने 19वें एशियन गेम्स में भारत के लिए गोल्ड मेडल अपने नाम किया। नीरज ने 88.88मीटर दूर भाला फेंक कर यह कमाल किया। नीरज के अलावा किशोर जेना ने भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता। हालांकि नीरज के लिए शुरुआत कुछ खास नहीं रही थी। उनके पहले थ्रो को ही फाउल करार दे दिया गया था। नीरज का पहला थ्रो लगभग 90 मीटर की थी। इसके बाद काफी देर तक नीरज चोपड़ा की अधिकारियों से बहस भी हुई और खेल को कुछ देर के लिए रोकना भी पड़ गया था।
बता दें कि नीरज का ये लगातार दूसरा एशियन गेम्स गोल्ड मेडल था। वहीं किशोर ने भी अपना पर्सनल बेस्ट निकालते हुए सिल्वर पर कब्जा किया। इन दोनों खिलाड़ियों के मेडल के चलते अब एशियन गेम्स में भारत के पदकों की संख्या 80 पहुंच चुकी है।