NEET (AIR-1) बनी तनिष्का की सफलता की कहानी, कैसे बनी टॉपर?
हरियाणा की बेटी ने रचा इतिहास, 18 लाख परिक्षार्थियों को पछाड़ा
विनय, हरियाणा न्यूज 24/ हरियाणा के जिला महेंद्रगढ़ की बेटी तनिष्का यादव ने नीट यूजी 2022 में 720 अंक के पेपर में 715 अंक प्राप्त कर पूरे देश में टॉप किया है। महेंद्रगढ़ के गांव मिर्जापुर बाछौद की तनिष्का ने पूरे देश में इतिहास रच दिया है।
- कोटा जाकर की थी तैयारी:
तनिष्का मूलरूप से हरियाणा की रहने वाली है और जिला महेंद्रगढ़ के नारनौल से 10वीं पास करने के बाद कोटा पढ़ाई कर रही थी। दो साल कोटा में रहकर नीट यूजी की तैयारी की। तनिष्का ने 720 में से 715 अंक प्राप्त किए हैं। नीट यूजी 2022 परीक्षा 17 जुलाई को हुई, जिसमें 18 लाख 72 हजार 342 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। नीट में शामिल होने वाले विद्यार्थियों का यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा रहा है।
- हरियाणा की तनिष्का को मिले हैं 99.99 परसेंटाइल:
एनटीए ने नीट यूजी 2022 का रिजल्ट जारी कर दिया है जिसके अनुसार हरियाणा की तनिष्का ने रैंक 1 प्राप्त कर टॉपर होने का खिताब अपने नाम किया है। तनिष्का ने मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर
नीट टॉपर्स लिस्ट 2022 में पहला स्थान प्राप्त किया है। तनिष्का को 720 में से 715 का स्कोर प्राप्त हुआ है और उन्होंने 99.99 पर्सेंटाइल हासिल किया है। बात अगर उसके सभी विषयों में परफॉर्मेंस की हो तो उसने फिजिक्स में 99.96 पर्सेंटाइल, केमिस्ट्री में 99.99 पर्सेंटाइल और बायोलॉजी में 99.98 पर्सेंटाइल प्राप्त किया है।
- कोचिंग के अलावा भी 6-7 घंटे करती थी पढ़ाई:
उनकी जर्नी की सबसे खास बात यह है कि उन्होंने नीट से पहले जेईई मेन परीक्षा में भी भाग लिया था जिसमें उन्हें 99.50 परसेंटाइल हासिल हुआ था। इसके साथ ही उन्होंने अपनी 12वीं परीक्षा में 98.60 फीसदी अंकों के साथ
बेहतर प्रदर्शन किया था। तैयारी के शेड्यूल के विषय मे बात करते हुए तनिष्का बताती हैं कि वो कोचिंग और स्कूल के अलावा दिन में 6-7 घंटे पढ़ती थी। रिवीजन के लिए आवश्यक है कि हर विषय को बराबर समय दिया जाए ताकि कोई भी विषय न छूटे। नीट यूजी में रैंक 1 प्राप्त करने के बाद वे एम्स दिल्ली से अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती हैं।
- मॉक टेस्ट के अंको से हो जाती थी निराश:
मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखने वाली तनिष्का ने नीट यूजी की तैयारी कोटा में रहकर पूरी की। उनके माता-पिता सरकारी स्कूल के टीचर हैं। घर से दूर रहकर उन्होंने मेहनत की और आज रैंक 1 के रूप में उनकी मेहनत रंग लाई। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं था कि उनके तैयारी का सफर बेहद आसान था। तनिष्का बताती हैं कि जब भी तैयारी के दौरान मॉक टेस्ट में उन्हें खराब अंक मिलते थे तो वह बेहद निराश हो जाती थी। लेकिन तैयारी के दिनों में उन्हें अपने माता-पिता का पूरा साथ प्राप्त था।
- माता-पिता ने किया मोटिवेट:
तनिष्का कहती हैं यह फैसला उनके लिए ठीक रहा। नीट की तैयारी के दौरान कॉन्सेप्ट को गहराई से समझने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पूछती थी। जब तक क्लीयर नहीं होता सवाल पूछने से नहीं हिचकिचाती थी। कभी टेस्ट में
मार्क्स कम आते थे तो पेरेन्ट्स मोटिवेट करते। उन्होंने कभी मार्क्स के लिए दबाव नहीं डाला और पॉजिटिविटी के साथ तैयारी करते रहने के लिए मोटिवेट किया।