हरियाणा का श्रापित गांव, 300 साल से नहीं मनी होली…!

- अपमान के चलते, जलती होलिका में कूद गया था साधु
- होली में जलते-जलते दिया था ऐसा श्राप, आज भी डरते हैं गांववाले
Haryana News 24 – देशभर में 14 फरवरी को होली का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। लेकिन हरियाणा राज्य का एक ऐसा भी श्रापित गांव है, जहां पिछले 300 सालों से होली नहीं मनाई गई है। इस गांव के लोग होली खेलने से डरते हैं क्योंकि उनका मानना है कि होली मनाने से उनके गांव में कोई अनहोनी हो जाएगी।
जानकारी के मुताबिक हरियाणा प्रदेश के कैथल जिले के गांव दुसेरपुर में लोग 300 साल से होली नहीं मना रहे हैं। गांव में त्योहार न मनाने के पीछे कारण होली के दिन एक साधु द्वारा दिया श्राप बताया जाता है। जिस वजह से ग्रामीण, होली का दिन श्रापित मानकर त्योहार नहीं मनाते। 300 साल पहले दिए साधु के श्राप से भयभीत ग्रामीण आज भी होली का त्योहार मनाने से बचते हैं।
क्या है पूरी कहानी:
गांव में होली के दिन उल्लास भरा माहौल था। ग्रामीणों ने मिलकर होलिका दहन के लिए सूखी लकड़ियां, उपले और अन्य सामान एक जगह इकट्ठा कर रखे थे परंतु तय समय से पहले ही गांव के कुछ शरारती युवा होलिका दहन करने लगे। युवाओं को ऐसा करते देख वहां मौजूद बाबा रामस्नेही ने उन्हें रोकने के प्रयास किए लेकिन युवकों ने बाबा का मजाक उड़ाते हुए समय से पहले ही होलिका दहन कर दिया। इसके बाद बाबा ने गुस्से में जलती होली में छलांग लगा दी और जलते-जलते ग्रामीणों को श्राप दे दिया। बाबा ने श्राप देते हुए कहा था कि आज के बाद इस गांव में होली का त्योहार नहीं मनाया जाएगा। अगर किसी ने मनाने की हिम्मत की तो उसे साथ कुछ बुरा होगा।
कब व कैसे मिलेगी श्राप से मुक्तिः
ऐसा नहीं है कि इस श्राप से मुक्ति पाने का कोई उपाय नहीं हैं। श्राप से मुक्ति के लिए साधु ने बताया था कि अगर होली के दिन गांव में कोई गाय बछड़ा दे या किसी परिवार में लड़का पैदा हो तो अनहोनी का डर खत्म हो जाएगा। लेकिन अभी तक होली के दिन न तो किसी गाय ने बछड़ा जन्मा और न ही किसी परिवार में बेटा पैदा हुआ।