8वें वेतन आयोग को सरकार की मंजूरी, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी!

आयोग की संरचना और समयसीमा:
कैबिनेट के अनुसार, 8वें वेतन आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजन प्रकाश देसाई करेंगी। आयोग में एक पार्ट-टाइम सदस्य और एक सदस्य सचिव शामिल होंगे। आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है। साथ ही, जरूरत पड़ने पर आयोग सरकार को अंतरिम रिपोर्ट भी सौंपेगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आयोग की अंतिम सिफारिशें आने के बाद सरकार लागू करने की तिथि तय करेगी, लेकिन संभावना यही है कि यह 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। बता दें कि सरकार ने जनवरी 2025 में आयोग के गठन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी और अब औपचारिक रूप से इसे आगे बढ़ा दिया गया है।

टर्म्स ऑफ रेफरेंस को मूंजरी का मतलब:
अब जब केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (TOR) को मंजूरी दे दी है, तो इसका मतलब है कि आयोग को अब अपना काम आधिकारिक रूप से शुरू करने की अनुमति मिल गई है। इस मंजूरी के बाद आयोग को अब अपनी रिपोर्ट तैयार करने और सरकार को सौंपने में लगभग 18 महीने लगेंगे। यानी आयोग अगले डेढ़ साल में यह तय करेगा कि कर्मचारियों के वेतन में कितना इजाफा होना चाहिए। साथ ही भत्तों (allowances) और पेंशन में क्या बदलाव जरूरी हैं और सरकार के वित्तीय हालात को ध्यान में रखते हुए किस तरह संतुलन बनाया जाए। बता दें कि जब आयोग अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप देगा, तब अंतिम फैसला केंद्र सरकार लेगी। यानी यह सरकार तय करेगी कि किन सुझावों को लागू किया जाए और कब से लागू किया जाए।
कितनी बढ़ सकती है सैलरी:
बता दें कि 8वें वेतन आयोग ने अभी आधिकारिक वेतन स्लैब जारी नहीं किए हैं, लेकिन फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) के अनुमान के आधार पर वेतन में ₹19,000 प्रति माह तक की बढ़ोतरी हो सकती है। अगर किसी मध्यम स्तर के कर्मचारी की मौजूदा सैलरी ₹1 लाख प्रति माह है, तो बजटीय प्रावधानों के अनुसार वेतन वृद्धि इस प्रकार हो सकती है- — ₹1.75 लाख करोड़ के बजट पर सैलरी बढ़कर ₹1.14 लाख/माह (14% वृद्धि)
