गोवंश संरक्षण को लेकर सख्त हुई सरकार, गोहत्या पर 10 साल तक की हो सकती है जेल!

cow on truck cage for send to slaughterhouse
Haryana News 24: हरियाणा में गौ रक्षा कानून के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम, 4 जिलों में बने फास्ट ट्रैक कोर्ट:
-हरियाणा सरकार गोवंश संरक्षण एवं गौ संवर्धन को लेकर सख्त हो गई है। सरकार ने 2015 के ‘हरियाणा गौवंश संरक्षण एवं गौ संवर्धन’ कानून के तहत दर्ज होने वाले केस की सुनवाई को लेकर फास्ट ट्रैक कोर्ट नॉमिनेट कर दिए दिए हैं। इको लेकर गृह विभाग ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
इस नोटिफिकेशन में लिखा है कि ‘हरियाणा गवर्नर, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की सहमति से, हरियाणा गोवंश संरक्षण एवं गौ संवर्धन अधिनियम, 2015 के तहत अपराधों की त्वरित सुनवाई (फास्ट ट्रैक) के लिए नूंह, पलवल, अंबाला और हिसार में रेगुलर कोर्ट चलाने वाले वरिष्ठ अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश और सिविल न्यायाधीश की अदालतों को उनके निर्दिष्ट क्षेत्राधिकार के भीतर विशेष अदालतों के रूप में नॉमिनेट किया जाता है।
किस जिले की कहां होगी सुनवाई:
अधिसूचना के अनुसार, “हरियाणा के राज्यपाल, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की सहमति से, नूंह, पलवल, अंबाला और हिसार जिलों में नियमित अदालत चलाने वाले वरिष्ठतम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश और सिविल न्यायाधीश की अदालतों को निर्दिष्ट क्षेत्राधिकार के भीतर हरियाणा गौवंश संरक्षण एवं गौसंवर्धन अधिनियम, 2015 के तहत अपराधों की फास्ट ट्रैक सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के रूप में नामित करते हैं।”
नूंह की विशेष अदालत नूंह, रेवाड़ी, नारनौल, चरखी दादरी और भिवानी जिलों को कवर करेगी, जबकि पलवल अदालत पलवल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, रोहतक, सोनीपत और पानीपत को कवर करेगी। तरह, अंबाला अदालत अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और करनाल को कवर करेगी, जबकि हिसार अदालत का अधिकार क्षेत्र हिसार, जींद, कैथल, फतेहाबाद और सिरसा होगा।
हरियाणा विधानसभा ने मार्च, 2015 में गायों के “संरक्षण और रखरखाव” के लिए विधेयक पारित किया। यह राज्य में गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है और पशु की हत्या के लिए तीन साल से 10 साल तक के कठोर कारावास का प्रावधान करता है। वहीं दोषी को 30 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक हो सकता है। जुर्माना नहीं जमा करने पर एक वर्ष तक का अतिरिक्त कारावास लगाया जा सकता है।