जीरो से हीरो बना हरियाणा का अनोखा गांव, चौपाल में पढ़ाई कर युवाओं ने हासिल की सरकारी नौकरी।
जीरो से हीरो बना हरियाणा का यह गांव, चौपाल में पढ़ाई कर 400 युवाओं ने हासिल की सरकारी नौकरी
हरियाणा के समालखा विधानसभा क्षेत्र का गांव चुलकाना आजकल सुर्खियों में छाया हुआ है। ये गांव अब युवाओं की छोटी सी कोशिश से एकदम बदल गया है। 12 साल में चुलकाना के 400 युवा सरकारी नौकरी या चुके हैं। शुरुआत हुई थी गांव की दरवाजे वाली चौपाल में शुरू हुए निःशुल्क अध्ययन केंद्र से, जो अब प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी का ठिकाना है।
21 युवाओं को सरकारी नौकरी मिली
पिछले दिनों हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) की भर्ती में चुलकाना के 21 युवाओं का चयन हुआ। सपना, राहुल, तेजपाल, रवि, वर्षा छौक्कर, मीनाक्षी, नीरज फौजी, अमन, पूजा, शिखा व सुनील को क्लर्क के पद पर नियुक्ती मिली। मंजू सुपरवाइजर, भारती व पूजा ग्राम सचिव जबकि प्रतिभा, आशीष, सोनम व अंकित का हरियाणा पुलिस में सिलेक्शन हुआ। सोनिया पटवारी व तनू को ग्रुप D में नौकरी मिली। वहीं, कई अन्य युवाओं को दिल्ली, चंडीगढ़ समेत कई अन्य राज्यों में सरकारी नौकरी हासिल हुई है।
कहां से हुई शुरूआत
मास्टर ईश्वर सिंह ने बताया कि साल 2012 में उन्होंने चौपाल में गांव के कृष्ण, संदीप सैनी, विजयपाल, राजेंद्र, शिवराज, राजेश व संदीप छौक्कर के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की। वह इंग्लिश टीचर बन गए जबकि शिवराज दिल्ली में संस्कृत टीचर, कृष्ण व राजेश रेलवे में और संदीप सैनी व संदीप छौक्कर पटवारी बने। विजयपाल अधिवक्ता बने. उसके बाद, उन्होंने चौपाल में अध्ययन केंद्र शुरू कर दिया। अब स्थिति ये है कि करीब 225 लड़के- लड़कियां चौपाल में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।
स्कूल का रिजल्ट जीरो, ग्रामीण आए साथ साल
2016 में गांव के राजकीय स्कूल का बोर्ड रिजल्ट शून्य आया था। स्कूल में सुधार के साथ बच्चों को अध्ययन केंद्र में भेजना शुरू कर दिया। ग्राम विकास सुधार समिति के प्रधान सुंदर छौक्कर के नेतृत्व में काफी अच्छा काम हुआ। ग्रामीणों ने पूर्व विधायक धर्म सिंह छौक्कर के सामने लाइब्रेरी की मांग रखी थी। जमीन मिलने पर बिल्डिंग भी बन गई, लेकिन किताबे व अन्य संसाधन नहीं मिलें।
जो नौकरी लगता है, वही करता है सहयोग
अधिवक्ता विजयपाल ने बताया कि चौपाल में चल रहे अध्ययन केंद्र में चुलकाना के अलावा गांव किवाना, दोडपुर, भोड़वाल माजरी, पट्टीकल्याणा, छदिया, हलदाना से लेकर सोनीपत के गांव आहुलाना तक के युवा आते हैं। यहां तैयारी करने वाले जिस भी युवा की नौकरी लगती है, वो अध्ययन केंद्र के संचालन में सहयोग करता है। किताबें मुहैया कराने के साथ- साथ आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को कालेज में दाखिला दिलाने में मदद की जाती है।