पत्नी को पति की नौकरी मिलने पर करनी होगी सास की देखभाल, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का अहम फैसला।
पत्नी को पति की नौकरी मिलने पर करनी होगी सास की देखभाल, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला
HaryanaNews24- पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक निर्णय में कहा कि पति को मौत के बाद पत्नी अगर अनुकंपा आधार पर उसकी नौकरी संभालती है, तो उसकी सास (पति की मां) की देखरेख भी उसे ही करनी होगी। जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने फैसले में बताया कि सीआरपीसी की धारा 125 के तहत सास- ससुर के देखरेख की जिम्मेदारी पुत्रवधू पर नहीं डाली जा सकती, मगर न्याय के लिए अपवाद संभव है।
पति की मौत के बाद पत्नी को मिली नौकरी
पति की मौत के बाद पत्नी को रेल कोच फैक्टरी में जूनियर क्लर्क की नौकरी दी गई थी। इसके बाद, महिला ने बेटे के साथ पति का घर छोड़ दिया। महिला की सास ने सोनीपत की फैमिली कोर्ट में याचिका दायर कर पुत्रवधू से भरण पोषण के लिए खर्च दिलाए जाने की मांग की। इसमें कहा गया कि एक बेटी की शादी हो चुकी है। एक बेटा रिक्शा चलता है, जिसकी जमापूंजी बीमार बेटे पर खर्च हो रही है।
हर महीने ₹10000 देने के आदेश जारी
ऐसे में बेटे की मौत पर उसके स्थान पर नौकरी कर रही पुत्रवधू से खर्च दिलाया जाए। फैमिली कोर्ट ने हर महीने 10 हजार रुपए दिए जाने के आदेश दिए थे, जिसके विरुद्ध पुत्रवधू ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इस फैसले को खारिज करने की मांग की थी। याचिका में बताया गया कि उसकी सास के बच्चे हैं, जो देखभाल कर सकते हैं. ऐसे में फैमिली कोर्ट के फैसले को खारिज किया जाए।
सास की देखरेख से पीछे नहीं हट सकती बहू
हाई कोर्ट का कहना है कि सीआरपीसी की धारा 125 जो अब बीएनएसएस की धारा 144 है, जिसके तहत खर्च का प्रावधान निराश्रय या आर्थिक रूप से कमजोर को सहायता के लिए किया गया है। इस मामले में देखना होगा कि महिला को अपने पति की मौत के बाद उसकी जगह पर नौकरी दी गई है। ऐसे में पति की मां की देखरेख की जिम्मेदारी से भी वह मुंह नहीं मोड़ सकती। महिला का वेतन 80 हजार रुपए प्रति महीना है। ऐसे में वह सास को मेनटेनेस के लिए 10 हजार रुपए प्रतिमाह का भुगतान करने संबंधी फैमिली कोर्ट का निर्णय बिल्कुल उपयुक्त है।