अलग हाईकोर्ट की मांग पर पंजाब सरकार ने जताई असहमति, हरियाणा सरकार को झटका:
अलग हाईकोर्ट की मांग पर पंजाब सरकार ने जताई असहमति, हरियाणा सरकार को झटका:
हरियाणा में अलग हाईकोर्ट के प्रस्ताव पर पंजाब सरकार ने असहमति जताई है। पंजाब सरकार नहीं चाहती कि हरियाणा में अलग हाईकोर्ट बने। केंद्र सरकार ने भी दोनों राज्यों के पुराने विवादों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार के अलग हाई कोर्ट के प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी नहीं दी है।
Haryana News 24: पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में अलग हाईकोर्ट की बाट जोह रहे हरियाणा को बड़ा झटका लगा है। हरियाणा सरकार के प्रस्ताव पर पंजाब सरकार ने पूरी तरह से असहमति जताई है। वहीं, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की फुल कोर्ट (पूर्ण न्यायालय बैठक) में भी नतीजा नहीं निकलने पर कोई राय नहीं दी गई। हाईकोर्ट की फुल कोर्ट में न्यायालय से सभी जस्टिस शामिल होकर किसी मुद्दे पर आपसी सहमति के बाद अपना विचार प्रस्तुत करते हैं। फिलहाल, हरियाणा सरकार का अपना अलग हाईकोर्ट का प्रस्ताव टल गया है। यह खुलासा खुद केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में किया है।
दरअसल, अंबाला से कांग्रेस के लोकसभा सांसद वरुण चौधरी ने अलग हाईकोर्ट को लेकर सवाल पूछा था। सांसद ने पूछा, क्या केंद्र सरकार के पास हरियाणा के लिए अलग से हाईकोर्ट स्थापित करने का कोई प्रस्ताव है, अगर प्रस्ताव है तो हरियाणा की अलग उच्च न्यायालय स्थापित करने की समय सीमा क्या है। वहीं, अगर ऐसा प्रस्ताव नहीं है तो इसका क्या कारण है। इसके जवाब में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा था कि हरियाणा सरकार ने चंडीगढ़ में अलग से हाईकोर्ट स्थापित करने का अनुरोध किया था। जिसके बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार का जवाब मांगा था, लेकिन हरियाणा में अलग से हाईकोर्ट का प्रस्ताव टाल दिया गया है।
बता दें कि जब पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा के लिए अलग हाईकोर्ट का प्रस्ताव रखा था, तब उन्होंने कहा था कि, ‘संविधान के अनुच्छेद 214 में साफ है कि प्रत्येक राज्य का अलग हाईकोर्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि उन राज्यों में भी अलग हाईकोर्ट है, जो पिछले कुछ दशक में बने हैं। उन्होंने कहा कि सिक्किम, त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय में भी अलग उच्च न्यायालय है।’