एक जुलाई से लागू हो जायेंगे नये कानून, अब हत्या के लिए 302 नहीं लगेगी धारा 103 (1)

एक जुलाई से लागू हो जायेंगे नये कानून, अब हत्या के लिए 302 नहीं लगेगी धारा 103 (1)
Haryana News 24: आज 30 जून रात बारह बजे के बाद यानी एक जुलाई की शुरुआत के साथ देश में नया कानून लागू होने जा रहा है। रात बारह बजे के बाद जो भी आपराधिक घटनाएं होंगी, उनमें नए कानून के अनुसार प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। नए कानून में वैसे तो बहुत बदलाव हुए हैं, खास बात यह भी है कि संगीन अपराधों में सत्र परीक्षण के दौरान आरोपी डरा-धमकाकर व लालच आदि के दम पर समझौते कर लेते हैं और फिर पीड़ित व गवाह मुकर जाते हैं, अब यह आसान नहीं होगा। अब पुलिस के लिए विवेचना में घटनास्थल पर पहुंचने से लेकर हर कदम पर वीडियो रिकार्डिंग व वैज्ञानिक साक्ष्य संकलित करने की बाध्यता है और अदालत में ट्रायल के दौरान मजबूत साक्ष्य होंगे।
1 जुलाई 2024 से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) अब भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) होगी। आईपीसी में 511 धाराएं थी लेकिन भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं होंगी। धाराओं का क्रम बदला गया है। सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता कहलाएगी। सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं। नए कानून में अब इसमें 531 धाराएं होंगी। भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के नाम से जाना जाएगा। पुराने अधिनियम में 167 प्रावधान थे। नए में 170 प्रावधान हो गए हैं। इनमें डिजिटल साक्ष्यों का महत्व बढ़ाया गया है।

कानून में बदलाव को लेकर अधिवक्ताओं ने रखे अपने विचार
Haryana News 24: कानून के प्रति हम महिलाओं को जागरूक होना समाज हित में है। चूंकि जानकारी के अभाव में महिला स्वयं मानसिक रूप से प्रताड़ित हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए आईपीसी में धारा 375 में दुष्कर्म को परिभाषित किया गया है, जबकि 376 में इसके लिए सजा का प्रावधान है, जबकि, भारतीय न्याय संहिता में धारा 63 में दुष्कर्म की परिभाषा दी गयी है और 64 से 70 में सजा का प्रावधान किया गया है। आईपीसी की धारा 376 के तहत रेप का दोषी पाये जाने पर 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। बीएनएस की धारा 64 में भी यही सजा रखी गयी है। बीएनएस में नाबालिगों से दुष्कर्म में सख्त सजा कर दी गयी है। 16 साल से कम उम्र की लड़की के साथ दुष्कर्म का दोषी पाये जाने पर कम से कम 20 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. इस सजा को आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है। आजीवन कारावास की सजा होने पर दोषी की सारी जिंदगी जेल में ही गुजरेगी। बीएनएस की धारा 65 में ही प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति 12 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ दुष्कर्म का दोषी पाया जाता है तो उसे 20 साल की जेल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। इसमें भी उम्रकैद की सजा तब तक रहेगी, जब तक दोषी जिंदा रहेगा। ऐसे मामलों में दोषी पाये जाने पर मौत की सजा का प्रावधान भी है, इसके अलावा जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।

Haryana News 24: सोमवार यानि एक जुलाई से देश की न्याय प्रणाली में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। ब्रिटिश काल से देश में लागू तीन आपराधिक कानून 30 जून की आधी रात से इतिहास बन जायेगी। एक जुलाई से देश में नये मुकदमे और प्रक्रिया भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) लागू होंगे। बता दें कि उपरोक्त तीनों कानूनों को विगत वर्ष 21 दिसंबर को संसद की मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति के द्वारा 25 दिसंबर को अपनी सहमति दे दी गयी थी। नये कानून लागू हो जाने से पुलिस की भी जवाबदेही बढ़ जायेगी। बताया जा रहा है कि नये कानून में पुलिस की जवाबदेही भी बढ़ा दी गयी है। हर राज्य सरकार को अब हर जिले के हर पुलिस थाने में एक ऐसे पुलिस अफसर की नियुक्ति करनी होगी, जिसके ऊपर किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी से जुड़ी हर जानकारी रखने की जिम्मेदारी होगी। पुलिस को अब पीड़ित को 90 दिन के भीतर उसके मामले से जुड़ी जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी देनी होगी. पुलिस को 90 दिन में चार्जशीट दाखिल करनी होगी। परिस्थिति के आधार पर अदालत 90 दिन का समय और दे सकती है। 180 दिन यानि छह महीने में जांच पूरी कर ट्रायल शुरू करना होगा। अदालत को 60 दिन के भीतर आरोप तय करने होंगे। सुनवाई पूरी होने के बाद 30 दिन के अंदर फैसला सुनाना होगा। फैसला सुनाने और सजा का ऐलान करने में सात दिन का ही समय मिलेगा। इन्हीं सभी बातों को लेकर व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं से इस संबंध में प्रतिक्रिया लेने पर उन्होंने इस पर खुलकर अपनी बात रखी।