हरियाणा में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलकर अपनी नाकामियों को छिपा रही बीजेपी : डॉ मनीष यादव

हरियाणा में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलकर अपनी नाकामियों को छिपा रही बीजेपी : डॉ मनीष यादव
भारतीय जनता पार्टी ने छः महीने शेष रहते अपने मुख्यमंत्री बदल दिया,बीजेपी और जजपा का जो गठबंधन था अब वो टूट चुका है। सूबे में नये मुख्यमंत्री को चुन लिया गया है। लेकिन सरकार में सबकुछ सही नहीं चल रहा है क्योंकि नये मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के शपथ ग्रहण में पुरानी सरकार में गृहमंत्री रहे अनिल विज नहीं पहुंचे कई दिग्गज नेताओं के ना पहुँचने से विपक्ष में कानाफूसी हो रही है। आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में इसका क्या असर पड़ेगा जनता के सामने यह सवाल बना हुआ है. विपक्ष इसे लोकसभा के गठबंधन का डर बता रही है।
बता दें की आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ मनीष यादव ने एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिस तरह से बीजेपी का पहले पांच साल और फिर गठबंधन का साढ़े चार साल का कार्यकाल रहा इसमें जनता ने जो सहा जो देखा भ्र्ष्टाचार से भरपूर यह सरकार कर्मचारिओं के साथ महिलाओं के साथ और किसानो के साथ जो शोषण किया। हरियाणा के अंदर गुंडाराज स्थापित कर दिया यह देखकर जब जनता इनसे मुंह मोड़ रही तब यह सरकार का चेहरा बदलकर अपनी कुरीतियों को छिपा रहे। 400 सीट का नारा देने वाली पार्टी एक रैली में 400 कुर्सी नहीं भर पाई, इन सब नाकामियों को देखते हुए सरकार अगले छः महीने सरकार को लूटना चाह रही लेकिन इसे रोकने के लिए हरियाणा की जनता पर न्याय कराने के लिए तुरंत चुनाव कराना चाहिए जिससे जनता सही पार्टी और सही उम्मीदवार को चुन सके और अगले छः महीने हरियाणा को लुटने से बचाया जा सके। नये मुख्यमंत्री का भी जो चुनाव हुआ वो भी काम के आधार पर नहीं जाति के आधार पर मुख्यमंत्री बनाया गया है।

जो ओबीसी समाज का मुख्यमंत्री बना दिए लेकिन हमारे दक्षिण हरियाणा के साथ फिर पक्षपात हुआ। 2014 में सरकार बनाए तब भी इस इलाके के साथ भेदभाव हुआ 2019 में बनाए तो यंहा के दिग्गज नेताओं को मौका नहीं मिला,जातिगत राजनीति की भी बात करें तो क्या राव इंद्रजीत सिंह ओबीसी समाज से नहीं थे जो इलाके में अच्छी पकड़ रखते हैं उन्होंने राव तुलाराम का नाम छोड़कर मोदी का परिवार लिख रहे हैं उन्हें भी मौका नहीं दिया गया, वहीं क्या कृष्णपाल ग़ुज्जर ओबीसी चेहरा नहीं थे वो भी दक्षिण हरियाणा के मुख्य चेहरा हैं,
जो मंत्री भी रहे चुके हैं उनके अनुभव को भी दरकिनार कर दिया गया इससे स्पष्ट है की बीजेपी में दक्षिण हरियाणा के नेताओं का कोई वजूद नहीं रहा जबकि दक्षिण हरियाणा का इस सरकार को बनाने में शत प्रतिशत योगदान रहा वहीं दो बार के प्रदेश अध्यक्ष रहे रामबिलास शर्मा को भी मौका नहीं दिया गया जिनके अध्यक्षता में 2014 में बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई उन्हें भी बीजेपी अपने उम्मीदवारों की सूचि से बाहर कर दिया इससे स्पष्ट हो गया की बीजेपी में रामविलास शर्मा की राजनीति का कोई वजूद नहीं रहा उन्हें बीजेपी राजनीति से रिटायरमेन्ट दे दिया और अब जब अगले छः महीने के लिए सरकार बनाई तब भी इस इलाके के किसी भी नेता को मौका नहीं मिला जबकि दक्षिण हरियाणा ओबीसी प्रमुख माना जाता है। इलाके के साथ हो रहे शोषण की लड़ाई हम लड़ने के लिए तैयार हैं. इलाके के साथ हुए पक्षपात का बदला हम इनका सूपड़ा साफ करके लेंगे.और आने वाले लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में नई सरकार का गठन करेंगे।