फूलों की खेती से पूरे देश में छाया हरियाणा का अनोखा गांव! बंजर जमीन से करोड़ों का सफर।
फूलों से महका हरियाणा का यह गांव, बंजर जमीन से शुरू कर खड़ा किया करोड़ों का कारोबार, हर घर बना आत्मनिर्भर
HaryanaNews24- हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में स्थित बीड़ सूजरा गांव आज फूलों की खेती के लिए पूरे देश में मशहूर है, लेकिन गांव ने ये मुकाम ऐसे ही नहीं पाया। यह कहानी काफी रोचक तो है ही साथ ही प्रेरणा से भी भरपूर है। 1914 में यह गांव दिल्ली से कुरुक्षेत्र के बीहड़ इलाके में स्थानांतरित किया गया था। दिल्ली में एयरपोर्ट बनाने के लिए इस गांव को वहां से हटाया गया और ग्रामीणों को केवल ऊबड़- खाबड़ और बंजर जमीनें मिलीं।
बंजर जमीन से बनाया करोड़ों का कारोबार
गांव के बुजुर्गों ने हिम्मत नहीं हारी और कठिन मेहनत से इन जमीनों को खेती के योग्य बनाया। धीरे- धीरे यहाँ के किसानों ने फूलों की खेती में अपना भविष्य देखा और आज आलम ये है कि ये गांव हरियाणा की इकलौती फूलों की मंडी का केंद्र बन चुका है। यहाँ हर दिन लाखों रुपये के फूलों का कारोबार होता है। खास बात यह है कि इस गांव में बेरोजगारी बिल्कुल खत्म हो चुकी है। यहाँ का हर परिवार फूलों की खेती करता है और यहाँ के लोग अब आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो चुके हैं।
फूलों की खेती ने बदली तस्वीर
गांव में गेंदा, जाफरी, गुलाब और लड्डू जैसे कई प्रकार के फूल उगाए जाते हैं। इनमें सबसे अधिक खेती गेंदा फूल की होती है। एक एकड़ में लगभग 50,000 रुपये की लागत से डेढ़ से दो लाख रुपये तक की आमदनी हो जाती है। साल में तीन बार फूलों की खेती होती है, जिससे किसान अच्छा मुनाफा कमाते लेते हैं। ये गांव न केवल फूलों की खेती के लिए, बल्कि अपनी स्वच्छता के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ का हर घर फूलों की खेती करता है और गांव का माहौल ऐसा है कि लोग इसे देखने दूर- दूर से आते हैं।
पूरे देश में है मांग
यहाँ उगाए गए फूल पूजा- पाठ, शादी- ब्याह और अन्य शुभ कामों में इस्तेमाल होते हैं। गांव के किसान जब एक फसल की कटाई करते हैं, तो तुरंत दूसरी फसल की तैयारी शुरू कर देते हैं। यहाँ फूलों की कीमत 30 से 40 रुपये प्रति किलो के बीच रहती है, जिससे एक बार की फसल में करीब डेढ़ लाख रुपये तक की पैदावार हो जाती है। लगभग 4 से 5 महीने में तैयार होने वाली एक फसल से किसान अच्छा- खासा लाभ कमा लेते हैं। फूलों की एक फसल की शुरुआती लागत लगभग 10,000 रुपये होती है। इसके बाद, फूलों के तैयार होने पर मजदूरी पर 30 से 40 हजार रुपये का खर्च आता है।
कुल मिलाकर, 1 फसल पर लगभग 50,000 रुपये का खर्च आता है। वहीं, 1 एकड़ जमीन से किसान एक बार में करीब डेढ़ से 2 लाख रुपये तक कमा लेते हैं।