हरियाणा में महिलाओं को मिलेंगे हर महीने 7000 रुपये, महिला सखी योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की ‘बीमा सखी योजना’ की शुरुआत की। इसके तहत अगले तीन साल में दो लाख महिला बीमा एजेंट नियुक्त किए जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने योजना का शुभारंभ करने के बाद यहां आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले 10 सालों में रक्षा, बैंकिंग और कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई उपाय किए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में राज्य के विकास के लिए तीन गुना तेज गति से काम करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें पर्याप्त अवसर दिए जाने को बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि महिलाओं के सामने से हर बाधा को हटाया जाना चाहिए।
क्या है बीमा सखी योजना योजना:
सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की बीमा सखी योजना के तहत अगले तीन साल में दो लाख महिला बीमा एजेंट नियुक्त किए जाएंगे। इस योजना’ में 18-70 वर्ष की उम्र की 10वीं कक्षा पास महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बीमा एजेंट बनाया जाएगा। वित्तीय साक्षरता और बीमा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए इन महिलाओं को पहले तीन साल के लिए विशेष प्रशिक्षण और मानदेय दिया जाएगा। बीमा सखी योजना के तहत महिला एजेंट को पहले साल 7,000 रुपये प्रति माह, दूसरे साल 6,000 रुपये प्रति माह और तीसरे साल 5,000 रुपये प्रति माह का मानदेय मिलेगा। इसके अलावा बीमा सखियों को कमीशन का लाभ भी मिलेगा।
तिगुनी रफ्तार से काम करेगी नायब सरकार:
प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं को आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर दिए जाने को देश के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए सोमवार को कहा कि हरियाणा की BJP सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में राज्य के विकास के लिए तिगुनी रफ्तार से काम करेगी। उन्होंने कहा कि जब महिलाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिलता है तो वे देश के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोलती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय तक देश में कई ऐसे काम थे, जो महिलाओं के लिए वर्जित थे, लेकिन BJP सरकार ने उनके रास्ते में आने वाली हर बाधा को दूर करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि देशभर में 10 करोड़ से अधिक महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में सरकार ने महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सहायता दी है।