देशभर में आज से लागू हुए 3 नए Criminal कानून, अब न्याय के लिए दर-दर नहीं भटकेंगे!
देशभर में आज से लागू हुए 3 नए Criminal कानून, अब न्याय के लिए दर-दर नहीं भटकेंगे!
तीन नए आपराधिक कानून क्या हैं? 1 जुलाई से लागू हुए तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनयम हैं। इन कानूनों ने क्रमशः भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860, आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1898 और 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनयम, 1872 की जगह ली है।
Haryana News 24: देश में पुलिस-मुकदमा, कोर्ट-कचहरी और न्याय प्रक्रिया की तस्वीर बदलने वाली है. ब्रिटिश काल के कानूनों का आज से खात्मा हो जाएगा। तीन नए आपराधिक कानून आज यानी सोमवार से देशभर में लागू हो जाएंगे। इससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव आएंगे। इसका असर आम लोगों की जिंदगी पर पड़ेगा। इससे कानून-व्यवस्था आम लोगों के लिए सुगम होगी। इसके साथ ही औपनिवेशिक काल के उन कानूनों का अंत हो जाएगा, जिसमें न्याय की जगह दंड प्राथमिकता थी। नए कानूनों के लागू होने के साथ ही आज से देश की अदालतों में दंड की जगह न्याय देने पर फोकस होगा।
Haryana News 24:दरअसलस, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ब्रिटिश काल के क्रमश: भारतीय दंड संहिता (इंडियन पीनल कोड), दंड प्रक्रिया संहिता (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (इंडियन एविडेंस एक्ट) का स्थान लेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुताबिक, तीन नये क्रिमिनल लॉ यानी आपराधिक कानून न्याय मुहैया कराने को प्राथमिकता देंगे। जबकि अंग्रेजों (देश पर ब्रिटिश शासन) के समय के कानूनों में दंडनीय कार्रवाई को प्राथमिकता दी गई थी। तो चलिए 10 प्वाइंट में जानते हैं देश में तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से क्या-क्या बदल जाएगा।
Haryana News 24:आज से लागू हुए नए कानूनों के तहत जीरो FIR से कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करा सकेगा। भले ही अपराध उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं हुआ है। मॉब लिंचिंग यानि 5 या इससे अधिक व्यक्ति मिलकर जाति या समुदाय के आधार पर किसी की हत्या करते हैं तो सभी को उम्रकैद की सजा होगी। नाबालिग से दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा सुनाई जाएगी। सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में 20 साल की कैद या उम्रकैद का फैसला सुनाया जाएगा।आपराधिक मामलों में फैसला मुकद्दमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आएगा। पहली सुनवाई के 60 दिन के अंदर आरोप तय किए जाएंगे। दुष्कर्म पीड़िता का बयान कोई महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी और मेडिकल रिपोर्ट 7 दिन के भीतर देनी होगी।
किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध होगा। गिरफ्तारी की सूरत में व्यक्ति को अपनी पसंद के किसी व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में सूचित करने का अधिकार रहेगा। देश को नुकसान पहुंचाने के लिए डायनामाइट या जहरीली गैस जैसे खतरनाक पदार्थों का इस्तेमाल करने वालों को आतंकवादी माना जाएगा। पाकेटमारी जैसे छोटे संगठित अपराधों पर भी नकेल कसी जाएगी।