NEET:हरियाणा की बेटी का धमाका, गांव की पहली MBBS डॉक्टर बनेगी गुंजन!
विनय, हरियाणा न्यूज 24
हाल ही में नीट परीक्षा का रिजल्ट आया है और एक बार फिर से महेंद्रगढ़ जिले के बच्चों ने पूरे देश में धमाका मचा दिया है। महेंद्रगढ़ जिले की बेटियों ने एक बार फिर पढ़ाई के क्षेत्र में जीत का परचम लहरा दिया है। महेंद्रगढ़ की एक बेटी तनिष्का यादव ने जहां देश भर में टॉप किया वहीं एक और बेटी ने भी नीट परिक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करके अपने परिवार के साथ-साथ पूरे जिले और अपने राज्य का नाम भी रोशन किया है।
दरअसल हम बात कर रहे हैं महेंद्रगढ़ जिले के रामबास गांव की बेटी गुंजन की जो एक साधारण परिवार कि बेटी है। गुजन के पिता सत्येंद्र यादव हैं जो दस साल पहले विधानसभा अटेली के चार नंबर वार्ड से पूर्व पार्षद सहे हैं और गुंजन की माता सरकारी अस्पताल में नर्सिंग ऑफिसर हैं।कठिन परिश्रम व गुरुजनों के आशीर्वाद से मुकाम हासिल करने वाले बेटी की सफलता पर परिवार व दोस्त खुश हैं। गुंजन ने अपनी सफलता का श्रेय पूरे परिवार के साथ सबसे ज्यादा अपने माता-पिता को देती है। गुंजन ने कहा कि उसका बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना था जिसकी तैयारी के लिए माता-पिता ने काफी सहयोग किया।
गुंजन मूलरूप से हरियाणा की रहने वाली है और स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद से गुंजन कोटा में रहकर पढ़ाई कर रही थी। कोटा में रहकर नीट यूजी की तैयारी की। गुंजन के साथ कोटा में उसके पिता रहते थे जो गुंजन को खाना भी खुद बनाकर देते थे और गुंजन के कपड़े धुलवाके लाते थे। गुजन ने बताया कि सबसे ज्यादा डॉक्टर बनने के लिए उसे उसके पापा ने मोटीवेट किया है। गुंजन ने 615 अंक प्राप्त किए हैं। नीट यूजी 2022 परीक्षा 17 जुलाई को हुई, जिसमें 18 लाख 72 हजार 342 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। नीट में शामिल होने वाले विद्यार्थियों का यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा रहा है।
पहली बार में 501 अंक लिए थे इसलिए माता-पिता ने एक बार फिर से प्रयास करने के लिए कहा वो बोले कि अगर तुम इतने अंक ले सकती हो तो अगली बार इससे भी अच्छा कर सकती हो। इस बार गुंजन ने 615 वां रैंक हासिल किया है। गुजन की माता ने बताया कि यह हमारी बेटी की कड़ी मेहनत का नतीजा रहा कि उसे सफलता प्राप्त हुई है। मैं अपनी बेटी पर आज काफी गर्व महसूस कर रही हूं। साथ ही गांव के लोगों में काफी खुशी माहौल है। फोन पर गांव वालों की बधाइयां मिल रही है। उन्होंने कहा कि हमने कभी भी अपने बच्चों पर यह दबाव
नही बनाया है कि तुम्हे डाक्टर नही इंजीनियर बनना है। बेटी का बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना है तो उसके सपना को पूरा करने के लिए हम हमेशा तैयार रहे हैं।