हरियाणा का अनोखा कछुओं वाला गांव, यहां रहते हैं 200 साल पुराने कछुए
विनय, हरियाणा न्यूज 24
हरियाणा के फतेहाबाद के गांव काजलहेड़ी में काफी संख्या में कछुए रहते हैं। यहां रहने वाले कछुए एक आवाज लगाते ही तालाब से बाहर आते हैं और जो इन्हें देखने के लिए आते हैं तो कछुए उन्हें देखकर प्रसन्न होते हैं और उनका स्वागत करते हैं। सरपंच पद के उम्मीदवार रामनिवास गोदावरा ने बताया कि ये कछुए हमारे गांव में प्राकृतिक रूप से हैं और ये विष्णु भगवान के रूप में यहां पर रहते हैं। उन्होंने बताया कि इनकी आयु 200 से 250 वर्ष की है वो लोग बचपन से ही इनको देखते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमारा गांव काफी धार्मिक गांव है और हम लोग यहां पर किसी को भी कछुओं और अन्य जीवों का शिकार नहीं करने देते।
दरअसल यहां कछुए तालाब से बाहर आकर मिट्टी में अंडे देते हैं, मगर काजलहेड़ी गांव में बने तालाब के पास काफी बंदर और अन्य जीव हैं, जो कछुओं के बच्चों और उनके अंडों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। इस नुकसान को बचाने के लिए विभाग की ओर से टापू बनाने का फैसला लिया गया है। दुर्लभ प्रजाति के कछुओं का सरंक्षक बना हुआ है। फतेहाबाद के गांव काजलहेड़ी में सॉफ्ट शैल टर्टल प्रजाति के 400 से ज्यादा कछुए हैं। यह प्रजाति दुर्लभ प्रजातियों में शामिल है। गांव के जिस तालाब में इनका वास है, वहां एक टापू का निर्माण किया जा रहा है। कछुओं और उनके अंडों को तालाब के बीच टापू बनाकर बचाने और संरक्षित करने में वन एवं वन्य जीव संरक्षण विभाग जुटा हुआ है।
आपको बताते चलें कि इस गांव में कछुओं के दर्शन करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ भी यहां पर दो बार आ चुके हैं।