रामबिलास शर्मा के ख़िलाफ़ High Court का बड़ा फैसला, सुसाइड केस में दिए जांच के आदेश :

रामबिलास शर्मा के ख़िलाफ़ High Court का बड़ा फैसला, सुसाइड केस में दिए जांच के आदेश :
बाघोत निवासी कैलाश शर्मा के पुत्र मोहित शर्मा ने 13 दिसंबर 2024 को आत्महत्या कर ली थी। कैलाश शर्मा ने पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा सहित आठ लोगों पर उनके पुत्र को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था और प्रशासन को चेतावनी थी कि वह जब तक आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं करते, वे उनके पुत्र का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
हरियाणा के पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा पर महेंद्रगढ़ जिले के बाघोत गांव के रहने वाले मोहित शर्मा को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपों की जांच अब कोई आईपीएस अधिकारी करेंगे। इस मामले में दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किया है। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता पिता को उनके मृतक बेटे मोहित शर्मा का अंतिम संस्कार तीन दिन में करने के निर्देश भी दिए।
आपको बता दें कि याचिकाकर्ता कैलाश चंद शर्मा ने अपने वकील के जरिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी। मोहित शर्मा का शव पिछले एक महीने से अधिक समय से सिविल अस्पताल कनीना की मोर्चुरी में रखा हुआ है। याचिकाकर्ता पिता ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा समेत अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है।
याचिका में कैलाश चंद ने कहा कि साल 1996 से 2016 तक उनके पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के साथ अच्छे संबंध थे। वह उनके साथ पैसों का लेन-देन करते थे। उन्होंने रामबिलास शर्मा की मांग पर विभिन्न अवसरों पर करीब 22 करोड़ रुपए दिए। इस दौरान अचानक उसे फैक्ट्री में नुकसान हो गया। उसने रामबिलास शर्मा से कुछ पैसे वापस मांगे, लेकिन उन्होंने देने से इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों के बीच दुश्मनी पैदा हो गई।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के नोटिस पर हरियाणा सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि शिकायतकर्ता बेटे का शव लेने से स्वयं इंकार कर रहे हैं. शिकायतकर्ता द्वारा मामले में पुलिस के सामने गवाह और सबूत भी पेश नहीं करने की बात भी कही गई. हाईकोर्ट ने अंतरिम निर्देश पारित करते हुए पिता को बेटे का शव लेकर तीन दिन में अंतिम संस्कार करने के निर्देश दिए. कोर्ट ने इसके साथ ही हरियाणा सरकार को भी निर्देश दिया कि शिकायतकर्ता के आरोपों की जांच आईपीएस स्तर के अधिकारी से करवाए ताकि शिकायतकर्ता को जांच को लेकर कोई शक ना रहे। याचिका को 20 मई तक के लिए स्थगित कर दिया।