हरियाणा में अब गाय पालने पर सरकार देगी 30 हजार रुपये, नायब सरकार ने किया बड़ा ऐलान:
हरियाणा में अब गाय पालने पर सरकार देगी 30 हजार रुपये, नायब सरकार ने किया बड़ा ऐलान:
Haryana News 24: गाय पालने वालों को मिलेंगे 30 हजार मुख्यमंत्री सैनी ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार द्वारा छोटे किसानों और ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को रोजगार देने के लिए हाईटेक और मिनी डेरी स्कीम चलाई जा रही है। इसके तहत, 10 दुधारू पशुओं तक की मिनी डायरी खोलने पर कुल लागत पर 25% सब्सिडी दी जाती है।
हरियाणा सरकार ने राज्य के गौ प्रेमियों और गाय पालकों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंचकूला के इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में आयोजित ब्रज रस कथा के अवसर पर यह ऐलान किया। उन्होंने बताया कि हरियाणा में गौ सेवा के बजट को 40 करोड़ से बढ़ाकर 400 करोड़ कर दिया गया है। इस फैसले के तहत अब जो लोग अपने घरों में गाय पालेंगे, उन्हें सरकार की ओर से ₹30,000 की आर्थिक सहायता मिलेगी।
Haryana News 24: गौ माता की सेवा को प्रोत्साहन देने के लिए हरियाणा सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। पहले गौ सेवा के लिए केवल 40 करोड़ रुपये का प्रावधान था, जिसे अब बढ़ाकर 400 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस बजट का उपयोग न केवल गायों के चारे और गौशालाओं के रखरखाव में किया जाएगा, बल्कि इससे गाय पालने वालों को भी सीधे लाभ पहुंचेगा। मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि प्रदेश में इस समय 500 से अधिक गौशालाएं संचालित हैं, और सरकार ने उनके चारे की व्यवस्था का विशेष प्रावधान किया है। गाय पालने की परंपरा को बढ़ावा देने और ग्रामीण क्षेत्रों में इसे आजीविका का साधन बनाने के लिए हरियाणा सरकार ने एक नई योजना की शुरुआत की है। जो भी व्यक्ति अपने घर में गाय पालेगा, उसे सरकार की ओर से ₹30,000 की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस फैसले से न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि गौ सेवा की परंपरा को भी मजबूती मिलेगी।
Haryana News 24: गौशालाओं को और बेहतर बनाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। चारे की नियमित आपूर्ति और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष बजट आवंटित किया गया है। सरकार का उद्देश्य है कि हरियाणा की गौशालाएं अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरें। इसके लिए पशुपालन विभाग के सहयोग से कार्य किए जा रहे हैं।
-मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि अध्यात्म और संस्कृति का प्रचार करना हमारी जिम्मेदारी है। गीता, गौ माता, और गंगा तीनों ही भारतीय सभ्यता के मूल स्तंभ हैं। इनका संवर्धन करना समाज को मजबूत बनाने के लिए बेहद जरूरी है।