जुलाई से Ayushman Card धारकों का प्राइवेट अस्पतालों में नहीं होगा इलाज!

जुलाई से Ayushman Card धारकों का प्राइवेट अस्पतालों में नहीं होगा इलाज!
हरियाणा में में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले लाखों लोगों को सुलभ स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए सरकार आयुष्मान योजना चला रही है। रोहतक में सोमवार शाम को आईएमए पदाधिकारियों औरसदस्यों ने इलाज नहीं करने के निर्णय पर सहमति जताते हुए प्रदेश कार्यकारिणी के साथ जाने का फैसला लिया है।
Haryana News 24: आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज की आस लगाए बैठे गरीब परिवारों को निजी अस्पताल झटका देने जा रहे है। करनाल के प्राइवेट अस्पतालों ने 1 जुलाई से आयुष्मान कार्ड के तहत मरीजों को भर्ती करने और इलाज नहीं करने का अल्टीमेटम जारी कर दिया है।
बता दें कि अपनी मांगों को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन करनाल की टीम डीसी उत्तम सिंह से मिलने पहुंची और ज्ञापन दिया। डीसी से मुलाकात के बाद डॉक्टर्स ने बताया कि करनाल जिले के प्राइवेट अस्पताल अब तक सैकड़ों मरीजों का इलाज आयुष्मान योजना के तहत इलाज कर चुके है इस इलाज का बिल करीब 18 करोड़ रुपए बना है, लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक इसका भुगतान नहीं किया गया। वहीं योजना के लिए सरकारी पोर्टल में भी बदलाव कर दिया है।
डॉक्टर ने कहा कि आगामी 27 जून को मीटिंग बुलाई गई है जिले से सभी प्राइवेट अस्पताल 1 जुलाई से आयुष्मान योजना के मरीजों का इलाज करना बंद कर देंगे।

सरकार निजी अस्पताल संचालकों को आयुष्मान योजना के तहत किए गए मरीज के इलाज की राशि का भुगतान नहीं कर रही है। यही नहीं, इसमें कई तरह के फंड काट लिए जाते हैं। एसोसिएशन की अन्य मांगों पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते आयुष्मान कार्ड धारकों का एक जुलाई से प्रदेश में कहीं भी इलाज नहीं करने का फैसला लिया गया है। -डॉ. रविंद्र हुड्डा, अध्यक्ष, आईएमए, रोहतक।
यह हैं आईएमए की मुख्य मांगें
- प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की आयुष्मान भारत योजना 2018 से अब तक रेट में बढ़ोतरी नहीं की गई है।
- चिरायु कार्ड व अन्य आयुष्मान कार्ड उच्च आय वर्ग के लिए जारी करे गए मगर, पैकेज में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई।
- वर्तमान परिस्थितियों में आयुष्मान कार्ड के तहत गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक तरीके से इलाज संभव नहीं रहा है।
- कर्मचारियों के इलाज की पात्रता के लिए अस्पतालों पर थोपी गई आयुष्मान भारत की अनिवार्यता समाप्त नहीं की गई।
- भुगतान में कटौती के समाधान के लिए कोई फोन नंबर नहीं हैं।
- हर दो दिन बाद इलाज बढ़ाने के लिए रिक्वेस्ट डालनी पड़ती हैं। इस व्यवथा को पांच दिन किया जाना चाहिए।
- पैकेज के प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) 2.2 रेट लागू नहीं हुए।