फिर सुर्खियों में काला हिरण शिकार, अब सलमान खान समेत कई सितारों की होगी हाईकोर्ट में सुनवाई!

Haryana News 24: राजस्थान हाईकोर्ट ने साल 1998 के काले हिरण शिकार मामले में शुक्रवार को निर्देश जारी किया है। करीब 27 साल पुराने इस मामले में अब 28 जुलाई को हाईकोर्ट में सलमान खान समेत सैफ अली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और दुष्यंत सिंह की अपील पर सुनवाई होगी। राजस्थान हाईकोर्ट में शुक्रवार को इस केस पर सरकार और विश्नोई समाज की अपीलों पर सुनवाई की गई है। इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज गर्ग ने की और ये केस राज्य सरकार की ओर से लीव टू अपील के तहत पेश किया गया। इस सुनवाई में सलमान खान से जुड़े सभी मामलों को एक साथ सूचीबद्ध करने का आदेश दिया गया और साथ ही इसकी अगली सुनवाई अब 28 जुलाई को होगी।
बॉलीवुड स्टार सलमान खान से जुड़ा कांकाणी हिरण शिकार मामला एक बार फिर से चर्चा में है। इस मामले में सीजेएम कोर्ट ने सलमान खान को 5 साल की जेल की सजा सुनाई थी। वहीं फिल्म अभिनेता सैफ अली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और दुष्यंत सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। राज्य सरकार ने उनको बरी किए जाने के खिलाफ समय सीमा के भीतर अपील नहीं की थी। अब सरकार ने सैफ अली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और दुष्यंत सिंह को बरी किए जाने के खिलाफ कोर्ट में ‘लीव टू अपील’ पेश की है।
28 जुलाई को सलमान खान की अपील पर सुनवाई होगी:
जोधपुर हाई कोर्ट जस्टिस मनोज गर्ग की कोर्ट में इस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। जस्टिस मनोज गर्ग ने सरकार की ओर से पेश की गई ‘लीव टू अपील’ को सलमान खान से जुड़े अन्य मामलों के साथ सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी। दरअसल किसी भी मामले में अपील पेश करने की समय सीमा बीत जाने के बाद ‘लीव टू अपील’ यानी ‘अपील करने की इजाजत’ पेश की जाती है। सलमान खान के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने हिरण शिकार मामले से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई को निचली अदालत से हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की अपील की थी। कड़ी काला ही शिकार मामले में सलमान खान को 5 साल की सजा सुनाई गई थी वह अभी जमानत पर है।
दरअसल किसी भी मामले में अपील पेश करने की समय सीमा बीत जाने के बाद “लीव टू अपील” यानी “अपील करने की इजाजत” पेश की जाती है। यह एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यक्ति को किसी निर्णय या आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए अनुमति मांगने की आवश्यकता होती है, खासकर जब वह अपील की सामान्य समय सीमा समाप्त हो गई हो या अन्य कानूनी बाधाओं के कारण अपील करने में असमर्थ हो।
28 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश:
शिकायतकर्ताओं को रिप्रजेंट कर रहे एडवोकेट महिपाल बिश्नोई ने कहा कि दोनों मामले हाईकोर्ट में होने के बावजूद इसमें वर्षों तक कोई प्रगति नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘हमने आज अदालत में दोनों अपीलों को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।’ जस्टिस मनोज कुमार गर्ग ने प्रार्थना स्वीकार करते हुए दोनों अपीलों को एक साथ जोड़ने और 28 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया।