हरियाणा की बेटी इनायत वत्स बनीं सेना में ऑफिसर, दादा और शहीद पिता की परम्परा को बढ़ाया आगे:

Haryana News 24 (पंचकूला): अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी लक्ष्य को पाना असंभव नहीं होता है। इसे सिद्ध एक शहीद की बेटी ने कर दिखाया है। उन्होंने मात्र तीन साल की उम्र में अपने पिता मेजर नवनीत वत्स को खो दिया था। इसके बाद उन्होंने भारतीय सेना में शामिल होकर अपने पिता की वर्दी पहनने का सपना साकार किया है।
इनायत वत्स की सफलता की राह आसान नहीं थी। वह मुश्किल से तीन साल की थी जब उसने अपने पिता को खो दिया। हालांकि, हरियाणा की 23 वर्षीय इस लड़की ने भारतीय सेना में सबसे कठिन नौकरियों में से एक हासिल करके अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने का सपना देखा था, जो अब उसने साकार कर लिया है।
हरियाणा के पंचकूला की रहने वाली इनायत वत्स अब भारतीय सेना में अधिकारी बन गई हैं। उनके पिता 2003 में कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान शहीद हो गए थे। उन्हें मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया गया था। इनायत ने अपने पिता और दादा, जो कर्नल थे, दोनों की परंपरा को आगे बढ़ाने का फैसला किया।
अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाना
इनायत ने एक बार अपनी माँ से पूछा कि अगर इनायत लड़का होती तो वह क्या करती। शिवानी ने जवाब दिया कि वह उसे एनडीए या आईएमए में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करती। उसे गर्व है कि आरामदायक जीवन के विकल्प होने के बावजूद इनायत ने अपने पिता के रास्ते पर चलना चुना।

लेफ्टिनेंट इनायत वत्स हरियाणा के पंचकूला की रहने वाली हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। इसके बाद उन्होंने चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) ज्वाइन की। हरियाणा सरकार ने उन्हें राजपत्रित पद की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने सेना को ही अपना लक्ष्य चुना।