हरियाणा के ट्रैक्टर मिस्त्री की बेटी 20 से ज्यादा एवरेस्टों को कर चुकी फतह, हरियाणा सरकार से नहीं मिला सहयोग।

HaryanaNews24- खुद से लड़ी, पहाड़ों से जीती, लेकिन सरकार से एक बेटी गुहार लगा रही है. सबसे तेज और समय में माउंट एवरेस्ट फतेह करने वाली हरियाणा की छोरी को मदद की दरकार है. हरियाणा के हिसार में ट्रैक्टर के मिस्त्री की बेटी और भारत की सबसे तेज़ पर्वतारोही रीना भट्टी ने सरकार से नौकरी और आर्थिक मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर अपनी मांगें रखी हैं. रीना भट्टी, जिन्होंने लगातार 23 चोटियाँ फतेह की हैं, अब सरकार से नौकरी और आर्थिक संबल की मांग कर रही हैं. हिसार जिले के बरवाला खंड के बालक गाँव की रहने वाली रीना ने मुख्यमंत्री, खेल मंत्री और अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर ए ग्रेड की नौकरी और आर्थिक मदद की अपील की है.
ट्वीट करते हुए रीना ने लिखा, “मैं रीना भट्टी, हिंदुस्तान की सबसे तेज पर्वतारोही, हरियाणा के हिसार के बालक गाँव की ट्रैक्टर मिस्त्री की बेटी हूँ. मैंने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट और ल्होत्से को सबसे कम समय में फतेह किया है. पिछले 5 वर्षों में 20 से ज्यादा देश और विदेश में चोटियों पर तिरंगा लहराया है. बेटियों के लिए आपका स्नेह देखकर हिम्मत और उम्मीद जगी है. मेरी उपलब्धियों को मान दें, ए ग्रेड नौकरी और आर्थिक सहारा देकर एक बेटी का संबल बनें.”
रीना भट्टी ने पिछले 5 वर्षों में माउंट एवरेस्ट सहित 20 से ज्यादा चोटियाँ फतेह की हैं. उन्होंने कहा, “लड़कियाँ सिर्फ़ सपने नहीं देखतीं, बल्कि उन्हें पूरा करने की हिम्मत भी रखती हैं. मैंने माउंट एवरेस्ट और माउंट ल्होत्से को 20.5 घंटे में फतेह कर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है.” रीना ने बताया कि उन्होंने “हर घर तिरंगा अभियान” के तहत 15 अगस्त 2022 को माउंट एल्ब्रुस को 24 घंटे में फतेह किया. वह भारत की पहली महिला बनीं जिन्होंने स्नो लेपर्ड पीक – पीक लेनिन (7134 मीटर) को फतेह किया. उन्होंने माउंट कांग यात्से और माउंट जो जोंगो को 70 घंटों में फतेह किया और माउंट आमा दबलम को 5 दिनों में चढ़ा.
रीना ने कहा, “मैंने माउंट एवरेस्ट को फतेह करने के दौरान कई कठिनाइयों का सामना किया. 2023 में पहली बार माउंट एवरेस्ट मिशन की शुरुआत की थी लेकिन तकनीकी और मौसम की परेशानियों के कारण मुझे एवरेस्ट की चोटी से 50 मीटर पहले लौटना पड़ा. लेकिन मई 2024 में मैंने एवरेस्ट और ल्होत्से को 20.5 घंटों में चढ़कर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया.” रीना ने सरकार से ए ग्रेड की सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता की मांग की है. उन्होंने कहा, “मेरी उपलब्धियों को देखते हुए मुझे ए ग्रेड की सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता प्रदान की जाए. मैंने राज्य और देश का नाम गौरव से ऊँचा किया है.”
रीना ने कहा, “एवरेस्ट पर चढ़ाई ने सिखाया कि सपने लिंग नहीं, बल्कि साहस देखते हैं. अगर इरादे मज़बूत हों तो कोई भी सपना सच हो सकता है. ग्रामीण इलाकों में लड़कियों के लिए ऐसे साहसिक कार्यों में भाग लेना एक बहुत बड़ा कदम है. सरकार को इन बहादुर उपलब्धियों को पहचान कर उचित सम्मान देना चाहिए.” रीना ने कहा, “बेटियों को सशक्त बनाना सिर्फ़ विकल्प नहीं, बल्कि ज़रूरत है. एवरेस्ट जैसी चुनौती को पार करना अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणा है. यदि हम इस प्रेरणा को उचित पहचान दें, तो समाज की अन्य बेटियाँ भी अपने सपनों को पूरा करने की हिम्मत करेंगी. रीना ने सरकार से समर्थन की अपील की है ताकि राज्य की अन्य बेटियाँ भी यह संदेश पाएं कि अगर कोई लड़की आगे बढ़ने का संकल्प लेती है, तो सरकार उसके साथ खड़ी मिलती है.