नहर विभाग ने ओटू हैड की मरम्मत के बहाने गेट खोल, झील का पानी किया खाली

- कमीशन खोरी के चक्कर में खरीफ की बिजाई के समय शुरू करवाया रिपेयर का काम: लखविंदर सिंह औलख
- घग्गर का पानी आगे छोडऩे से नरमा-कपास की बिजाई के लिए सिंचाई से वंचित किसान: औलख
Haryana News 24 (सिरसा) : बीकेई प्रदेशाध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने अपनी टीम के साथ निरीक्षण के दौरान पाया कि ओटू हैड पर घग्गर का पानी गेट खोलकर आगे छोड़ा जा रहा है। सरसों की कटाई वाले खेतों में नहरी पानी से सिंचाई करके किसानों ने नरमा व कपास की बिजाई करनी हैं, लेकिन भ्रष्ट व कमीशनखोर नहरी विभाग ने गलत समय पर ओटू हैड पर रिपेयर का काम शुरू करके ओटू झील में सिंचाई के लिए इकट्ठा किया गया पानी 7 अप्रैल को आगे छोड़ दिया था। उस समय पानी का लेवल 645 क्यूसेक के करीब था।
औलख ने कहा कि चांदपुर हैड से लगातार 300 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जो ओटू हैड पर पहुंच रहा है, वह भी गेट खुले होने की वजह से आगे जा रहा है। 2001 में ओटू पुल का निर्माण हुआ था, 2010 में बाढ़ की वजह से गेट के आगे लगे कुछ पत्थरों (पिलरों) का नुकसान हुआ था, लेकिन वह अपने स्थान पर स्थिर थे और किसी तरह का पानी कटाव नहीं हो रहा था। 2023 की रिकॉर्ड तोड़ बाढ़ में भी किसी तरह का कोई कटाव नहीं हुआ था, वह पत्थर ज्यों के त्यों वहीं पर स्थिर हैं। फिर भी कमीशन के चक्कर में नहरी विभाग ने गलत समय पर लगभाग 3 करोड़ का रिपेयर का टेंडर निकाला, लेकिन बड़ी संख्या में 4.4 फुट के पुराने पत्थरों को दोबारा लगाने की तैयारी हो रही है। जब हमने ओटू हैड पर ड्यूटी दे रहे कर्मचारी से पूछा की कितना पानी आगे जा रहा है तो उसने झूठ बोलते हुए कहा कि 100 क्यूसेक के करीब ही आगे जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सरदूलगढ़ से लेकर झोरडऩाली तक पानी घग्गर के अंदर आ रहा है, उसका बिखराव नहीं है। औलख ने नहरी विभाग को चेतावनी देते हुए कहा कि झोरडऩाली के नजदीक बांध लगाकर पीछे से आ रहे 300 क्यूसेक पानी को जीबीएसएम खारिया व आरकेसी रत्ताखेड़ा माइनरों में छोड़ जाए ताकि किसान सिंचाई करके नरमा व कपास की बिजाई कर सकें। गुडग़ांव के रहने वाले नहरी विभाग के एसई पवन भारद्वाज सप्ताह में एक या दो दिन के लिए ही सिरसा आते हैं। जब से उन्होंने सिरसा में कार्यभार संभाला है, विभाग में भ्रष्टाचार का पूरा बोलबाला है। एसई पवन भारद्वाज ने पिछले समय में जिस भी जिले में ड्यूटी की है, वहां उनकी भूमिका संदेश के घेरे में रही है। रिपेयरिंग का काम हमेशा जून के महीने में किया जाता है, लेकिन कमीशन के चक्कर में यह काम अप्रैल में ही शुरू कर दिया गया है, जिससे खरीफ सीजन के लिए किसानों की सिंचाई न होने से बहुत बड़ा नुकसान हुआ है।
औलख ने मुख्यमंत्री नायब सैनी व सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी से अपील करते हुए कहा कि इस पूरे प्रकरण की स्टेट विजिलेंस से जांच करवाई जाए और जिन्होंने किसानों की खरीफ सीजन की बिजाई के लिए सिंचाई की परवाह किए बिना अपने कमीशन के चक्कर में ओटू झील का पानी आगे छोड़ा है उन सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व ठेकेदार पर विभागीय कार्रवाई हो। इस मौके पर सुभाष न्यौल, नेमी शर्मा, हंसराज पंचार आदि किसान मौजूद रहे!