इंस्पेक्टर भर्ती पर हरियाणा विधानसभा में हंगामा, उम्मीदवारों में कोई कांग्रेस का भतीजा कोई रिश्तेदार!

Haryana News 24: हरियाणा में 16 साल पहले पुलिस इंस्पेक्टर की भर्ती हुई थी। जब यह भर्ती हुई थी उस समय भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे। इस भर्ती में धांधली को लेकर एक याचिका दायर की गई थी। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शासन के दौरान 16 साल पहले भर्ती हुए पुलिस इंस्पेक्टर को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने अपने आर्डर में भर्ती प्रक्रिया में कुछ अनियमितताओं को स्वीकार करते हुए भी चयन को रद करने से मना कर दिया है।
साल 2008 में हुई थी भर्ती:
जस्टिस जगमोहन बंसल का कहना है कि चयन प्रक्रिया में गड़बड़ियां तो हुईं, ऐसी कोई अवैधता सामने नहीं आई जो पूरी भर्ती को निरस्त करने का आधार बन सके। करनाल निवासी अमित कुमार व अन्य ने अपनी याचिका में बताया कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने 2008 में हरियाणा पुलिस में 20 इंस्पेक्टरों को भर्ती किया था। इस भर्ती में व्यापक स्तर पर धांधली हुई थी। कुछ चयनित उम्मीदवारों ने परीक्षा में व्हाइटनर और स्क्रैच का इस्तेमाल किया जोकि परीक्षा नियमों के विरुद्ध था।
इतनी पुरानी भर्ती को रद्द करना विफलता:
कोर्ट के मुताबिक, उम्मीदवारों ने पिछले 16 सालों में सेवा में अच्छा प्रदर्शन किया और अब DSP पद तक पदोन्नत हो चुके हैं। इतनी पुरानी भर्ती को अब रद करना न सिर्फ प्रशासनिक विफलता होगी, बल्कि इससे पुलिस में कार्यरत कर्मियों के मनोबल पर भी बुरा असर पड़ेगा। कोर्ट ने ‘राहत से ज्यादा नुकसान’ के सिद्धांत का पालन करते हुए कहा कि चयन को रद करना प्रॉब्लम का हल नहीं, बल्कि उससे बड़ी समस्या पैदा करना होगा। हाईकोर्ट ने साफ किया कि चयन प्रक्रिया में प्रक्रियात्मक त्रुटियां थीं मगर कोई गंभीर गैरकानूनी काम नहीं हुआ।
उस समय की सरकार में न्याय नहीं मिलता था:
सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि कल ये हाईकोर्ट का फैसला आया है। कोर्ट ने ये कहा कि जो टॉप आया बच्चा वह नहीं लगा, पानीपत का एक बच्चा लग गया। कोर्ट ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि जो सरकार की प्रक्रिया थी वह चिंताजनक थी। कैसे युवाओं को न्याय मिले, उस समय की सरकार में न्याय नहीं मिलता था। इस पर भी विपक्ष के विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इस पर अनिल विज ने बताया कि आपने रूलिंग दे दी कि अखबार नहीं दिखाया जाएगा, लेकिन मुद्दा तो उठाया जा सकता है।
उम्मीदवारों में कोई भतीजा, कोई रिश्तेदार:
जिन 9 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है, उनमें हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का भतीजा हरदीप सिंह भी शामिल है। अन्य चयनित अभ्यर्थियों में हरियाणा के तत्कालीन राज्यपाल के एडीसी जगप्रवेश दहिया का बेटा वरुण दहिया, विधायक आनंद सिंह डांगी का रिश्तेदार दीपक, तत्कालीन विधायक आनंद कौशिक का भतीजा नवीन शर्मा, हुड्डा के एक नजदीकी कार्यकर्ता और आइजी शेरसिंह का रिश्तेदार नवीन सांगू, हुड्डा की पत्नी आशा हुड्डा के एक नजदीकी रिश्तेदार अमरजीत सिंह का बेटा विपिन अहलावत, हिसार के एक कांग्रेस कार्यकर्ता का बेटा अजरुन राठी, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के तत्कालीन चेयरमैन नंदलाल पूनिया का रिश्तेदार कमलजीत शामिल है।