हरियाणा के छोरे ने राजस्थान में बढ़ाया परिवार का मान, 21 लाख रुपए का दहेज लौटाया!

Haryana News 24: हरियाणा के कारोबारी दूल्हे ने ₹21 लाख लौटाए, केवल ₹1 लेकर दुल्हन लाया; बोला-दहेज लेने से सास-बहू में अनबन रहती है
हरियाणा के भिवानी के दूल्हे ने राजस्थान की बेटी से बिना दहेज शादी की है। लड़की वालों ने 21 लाख रुपए दहेज के रूप में ऑफर किए, लेकिन लड़के ने रकम लौटाते हुए केवल 1 रुपया लिया। साथ में शगुन के रूप में एक नारियल लेकर शादी की रस्में निभाईं। दूल्हे का नाम मोहित है।
आज के दौर में जहां दहेज (Dowry) प्रथा कई परिवारों के लिए सिरदर्द बनी हुई है वहीं कुछ लोग बिना दहेज शादी करके समाज को नई राह दिखा रहे हैं। हरियाणा के भिवानी जिले के गांव जाटू लुहारी में रहने वाले मोहित ने दहेज लेने से साफ इनकार कर समाज में एक मिसाल कायम की। मोहित ने राजस्थान के जिला सीकर के डाबला गांव में रहने वाली मीनू से शादी की लेकिन उन्होंने लड़की वालों द्वारा दिए जा रहे 21 लाख रुपये ठुकरा दिए और सिर्फ 1 नारियल और 1 रुपये में शादी रचा ली।
बेटी से बड़ा दहेज कुछ नहीं:
मोहित के पापा कंवर पाल ने बताया कि उनके घर में शुरू से ही बिना दहेज के शादी करने की परंपरा रही है। उन्होंने कहा बेटी देना ही सबसे बड़ा दहेज है इससे ज्यादा कुछ नहीं हो सकता। उनका कहना है कि अगर लड़की के मां-बाप उधार लेकर कर्जा लेकर दहेज देंगे तो शादी की शुरुआत ही टेंशन से होगी। इससे दुल्हन भी नाखुश रहेगी और आगे चलकर रिश्तों में दरार पड़ सकती है। हमने जो संस्कार अपने बेटे को दिए हैं उसी का नतीजा है कि उसने बिना दहेज शादी करने का फैसला लिया।
दहेज लेना मतलब रिस्पेक्ट खो देना:
मोहित का कहना है कि उन्होंने पहले से ही सोच रखा था कि दहेज नहीं लेंगे। उनका मानना है कि दहेज लेने से दोनों परिवारों में एक बिजनेस डील (business deal) जैसा रिश्ता बन जाता है प्यार और सम्मान गायब हो जाता है। उन्होंने आगे कहा अगर कोई दहेज लेकर शादी करता है तो वो सिर्फ पैसे से रिश्ता जोड़ता है लेकिन मैंने बिना दहेज शादी करके अपने और अपनी वाइफ के रिश्ते को सम्मान दिया है! गांव के बड़े-बुजुर्गों और पंचायत के लोगों ने मोहित के इस फैसले की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आजकल के लड़कों को मोहित से सीख लेनी चाहिए। दहेज मांगना लड़के की कीमत लगाने जैसा है क्या शादी मंडी है? वहीं सोशल मीडिया पर भी मोहित के इस कदम की जमकर सराहना हो रही है।
मोहित की पत्नी मीनू ने कहा कि मेरे लिए मेरे पति और उनके परिवार की इज्जत उस दिन से काफ़ी बढ़ गई ,जब इन्होंने पैसे छोड़ कर मुझे सम्मान के साथ यहाँ लाना स्वीकार किया था। सुना तो ये था कि कम दहेज लेने से लड़की को ताने सुनने पड़ते है लेकिन यहां तो सब उल्टा है।
दहेज प्रथा को जड़ से खत्म करना जरूरी
मोहित के पिता कंवर पाल ने बताया कि वह अपने दूसरे बेटे की शादी भी बिना दहेज के करेंगे। उनका कहना है कि समाज को मिलकर इस कुप्रथा को खत्म करना होगा। उन्होंने कहा जब तक लोग खुद आगे आकर दहेज लेना बंद नहीं करेंगे तब तक यह कुप्रथा खत्म नहीं होगी। हम सबको मिलकर इस सिस्टम को बदलना होगा!