राव इंद्रजीत ने बेटी को टिकट न मिलने पर बड़ा कदम उठाने की कही बात, मोदी तक पहुंचा मामला!

राव इंद्रजीत ने बेटी को टिकट न मिलने पर बड़ा कदम उठाने की कही बात, मोदी तक पहुंचा मामला!
गुड़गांव सांसद राव इंद्रजीत अपनी बेटी आरती राव को टिकट दिलवाने के लिए अड़ गए हैं। वे टिकट के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने अपने समर्थकों के साथ दिल्ली में बैठक की। सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि राव इंद्रजीत ने अपने केंद्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफा देने की बात भी कर दी है। बताया जा रहा है कि यह बात पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पीएम मोदी तक पहुंच गई है। वही अब इस मामले पर फैसला लेंगे।
भाजपा में पिछले दिनों कई सांसदों, विधायकों व मौजूदा पदाधिकारियों ने अपने परिजनों के लिए टिकटों की डिमांड की थी। इस पर भाजपा आलाकमान ने साफ कर दिया था कि किसी भी मौजूदा सांसद, विधायक और अन्य पदाधिकारी के परिजनों को टिकट नहीं दी जाएगी। वहीं, राव इंद्रजीत अपनी बेटी के लिए टिकट की डिमांड कर रहे थे। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला द्वारा यह घोषणा कर देने पर राव इंद्रजीत को धक्का लगा। तभी से वे अपनी बेटी को टिकट दिलवाने के लिए अड़े हुए हैं। बता दें कि साल 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में राव इंद्रजीत की बेटी आरती भी टिकट की दावेदार थीं, लेकिन कहा जाता है कि भाजपा परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देती, ऐसे में लगातार दो बार इंद्रजीत की बेटी आरती का टिकट काट दिया गया। ऐसे में अब बेटी आरती के लिए खुद राव इंद्रजीत खुलकर मैदान में उतर आए हैं और जिस तरह से उन्होंने आरती के चुनाव लड़ने की बात कही है, वो कहीं ना कहीं भाजपा के लिए चेतावनी से कम नहीं है। फिलहाल राव इंद्रजीत के इस बयान के बाद बड़ा सवाल यह है कि क्या भाजपा इस बार परिवारवाद को नजरअंदाज कर राव की बेटी को टिकट देगी, या फिर ऐलान के मुताबिक आरती पार्टी से बगावत करते हुए चुनाव मैदान में कूदेंगी।

राव इंद्रजीत दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। समर्थकों की बैठकें कर वे कहीं न कहीं पार्टी पर भी दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। चर्चा ये भी है कि राव इंद्रजीत ने राज्यसभा सांसद चौधरी बीरेंद्र सिंह का उदाहरण दिया है कि उन्होंने सांसद होते हुए अपने बेटे बिजेंद्र सिंह को टिकट दिलवा दी। उन्होंने केंद्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफा दिया था, ऐसे में इंद्रजीत अपनी बेटी के लिए इस्तीफा देने को तैयार हैं।
पार्टी में यदि राव इंद्रजीत की बेटी को टिकट दी जाती है तो अन्य सांसद, विधायक भी अपने परिजनों के लिए टिकट की डिमांड कर सकते हैं। यदि उन्हें नजरअंदाज कर आरती राव को टिकट दे दी गई तो यह पार्टी के लिए अच्छा नहीं होगा। इससे कहीं न कहीं अन्य नेता व कार्यकर्ताओं में असंतोष की भावना जागेगी। ऐसे में पार्टी द्वारा इस मामले पर निर्णय लेना कड़ी चुनौती से कम नहीं है।