सरकार का बड़ा तोहफा, बेटी की शादी के लिए 71 हजार रुपये की मदद!
सरकार का बड़ा तोहफा, बेटी की शादी के लिए 71 हजार रुपये की मदद!
हरियाणा सरकार बेटियों की शादी के खर्चे के लिए मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना चलाती है। इस स्कीम में सरकार 71 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देती है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए लड़की का जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल की मार्कशीट, जाति प्रमाण पत्र और आधार कार्ड होना जरूरी है।
मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का लाभ लाभार्थियों को मैरिज रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद दिया जाता है, जिसके लिए विवाहित कपल की शादी का ई-दिशा पोर्टल पर पंजीकरण होना जरूरी है। सभी वर्गों की विधवा महिलाएं, बेसहारा महिला, अनाथ बच्चे, बीपीएल सूची में है या उनकी आय एक लाख 80 हजार रुपए से कम है तो उनको इस योजना में 51 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा। BPL सूची में सामान्य या पिछड़े वर्ग के परिवार को 31 हजार रुपए का अनुदान मिलेगा। इसी तरह अनुसूचित वर्ग या विमुक्त जाति का परिवार बीपीएल सूची में नहीं है और जिनकी वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपए से कम है, उनको 31 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा। विवाहित युगल चालीस प्रतिशत या इससे ज्यादा दिव्यांग है तो उन्हें 51 हजार रुपए और पति-पत्नी में से एक जन चालीस प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांग है तो उसको 31 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
माता-पिता को योजना का मिलेगा लाभ
हरियाणा सरकार की ओर से गरीब व बेसहारा परिवारों को उनकी बेटी की शादी के लिए मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जा रही है ताकि गरीब व बेसहारा परिवारों के सिर से बेटी की शादी पर होने वाले आर्थिक बोझ को कम किया जा सके। रजिस्ट्रेशन होने के बाद विवाहित युवती के पेरेंट्स को मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत सहायता राशि दी जाती है। अनुसूचित एवं विमुक्त जाति के परिवार को 71 हजार रुपये का लाभ मिलता है। सभी वर्गों की विधवा-बेसहारा महिलाएं, अनाथ बच्चे अगर बीपीएल लिस्ट में हैं या इनकम एक लाख 80 हजार रुपये से कम है, तो 51 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा। BPL लिस्ट में पिछड़े और सामान्य वर्ग के परिवार को 31 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है। अनुसूचित वर्ग का परिवार बीपीएल सूची में नहीं है और सालना आय एक लख 80 हजार रुपये से कम है। उनको 31 हजार का अनुदान मिलेगा। विवाहित कपल 40 प्रतिशत या इससे ज्यादा दिव्यांग है तो 51 हजार रुपये और दोनों में से एक दिव्यांग है तो 31 हजार रुपये की राशि दी जाएगी।