हरियाणा में भाजपा का ग्राउंड सर्वे, लोकसभा चुनाव में BJP और कांग्रेस-AAP को कितनी सीटें मिलेंगी?
- हरियाणा में लोकसभा चुनाव में BJP और कांग्रेस-AAP को कितनी सीटें मिलेंगी? सर्वे में आए चौंकाने वाले आंकड़े
हरियाणा में लोकसभा चुनाव को लेकर एक सर्वे में बड़ा खुलासा हुआ है. पिछले चुनावों में दसों सीटों पर जीत दर्ज करने वाली बीजेपी को एक सीट का नुकसान होता दिख रहा है.
लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल लगातार तेज होती जा रही है. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे है राजनीतिक पार्टियां अपने सियासी समीकरण बनाने में जुटी है. बात अगर हरियाणा की करें तो 10 लोकसभा सीट वाले इस राज्य में दसों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. लेकिन इस बार बीजेपी के लोकसभा चुनाव के विजयी रथ को रोकने के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस हरियाणा में एक हो गई है. इसके बावजूद AAP और कांग्रेस के इंडिया गठबंधन को ज्यादा फायदा मिलता नहीं दिख रहा है. एक सर्वे में ये खुलासा हुआ है.

- बीजेपी को एक सीट का हो सकता है नुकसान
हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटें है. ज़ी न्यूज़ मैट्रिज के ओपिनियन पोल के अनुसार, इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी को एक सीट का नुकसान तो होगा. लेकिन नौ सीटों पर बीजेपी हरियाणा में जीत दर्ज कर सकती है. वहीं AAP और कांग्रेस के इंडिया गठबंधन को सिर्फ एक सीट पर संतोष करना पड़ सकता है.
- हरियाणा में AAP और कांग्रेस में हुआ है गठबंधन
हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक हुए है. इस गठबंधन के तहत हरियाणा की 10 दसों में से नौ सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी उतारे जाने का फैसला किया गया है तो वहीं एक सीट पर आम आदमी पार्टी की तरफ से प्रत्याशी उतारा जाएगा. इसके साथ ही AAP की तरफ से प्रत्याशी की घोषणा भी कर दी गई है. AAP ने हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता को कुरूक्षेत्र से चुनावी मैदान में उतारा है. लेकिन सर्वे में इस गठबंधन को कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है. दोनों पार्टियां मिलकर भी प्रदेश में सिर्फ एक ही सीट जीतती दिख रही है.

वहीं दूसरी तरह बात करें प्रदेश में सत्ताधारी BJP और JJP गठबंधन की तो दोनों ही पार्टियां अलग-अलग चुनावी तैयारी में जुटी है. इसके बावजूद दोनों पार्टियों के नेताओं की तरफ से कहा जा रहा है कि वो मिलकर चुनाव लड़ने वाले है. हालांकि अभी इन दोनों पार्टियों के बीच लोकसभा सीटों को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है.


 
                         
                                                          
                                                          
                                                          
                                                         