सुप्रीम कोर्ट का नया फरमान जारी? दो से अधिक बच्चों वाले माता पिता को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी!
सुप्रीम कोर्ट का नया फरमान जारी? दो से अधिक बच्चों वाले माता पिता को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी!
राजस्थान विभिन्न सेवा (संशोधन) नियम, 2001 के तहत यह प्रावधान है कि 1 जून 2002 को या उसके बाद अगर किसी उम्मीदवार के दो से अधिक बच्चे हैं तो वह सरकारी नौकरी के लिए पात्र नहीं होंगे। आपको बता दें कि राम लाल जाट के दो से अधिक बच्चे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनावों के लिए ऐसे ही नियमों को मंजूरी दी थी। उन्होंने कहा कि ये नियम सरकार की नीति बनाने के अधिकार क्षेत्र में आते हैं और इसमें न्यायपालिका को दखल देने की आवश्यकता नहीं है। पूर्व सैनिक रामजी लाल जाट की याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह नियम संविधान की मूल भावना के अनुसार सही है। याचिकाकर्ता ने रक्षा सेवा से 31 जनवरी, 2017 को सेवानिवृत्त होने के करीब एक साल तीन महीने बाद बाद 25 मई, 2018 को राजस्थान पुलिस में सिपाही पद के लिए आवेदन किया था। उनकी उम्मीदवारी को राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 के नियम 24(4) के तहत इस आधार पर खारिज किया गया था कि चूंकि 01 जून 2002 के बाद उसके दो से अधिक बच्चे हैं, इसलिए वह इस नौकरी के लिए अयोग्य है।
तीन जजों की बेंच ने यह भी कहा कि ऐसा ही प्रावधान पंचायत चुनावों में पात्रता की शर्त के रूप में भी है। शीर्ष अदालत ने इसे भी मंजूर किया था। तब भी कोर्ट ने माना था कि दो से अधिक जीवित बच्चों के होने पर उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करने का नियम कहीं से गलत नहीं है और साथ ही यह हमारे दायरे से भी बाहर है। अदालत के मुताबिक इस प्रावधान का मकसद परिवार नियोजन और छोटे परिवार की भावना को बढ़ावा देना है। इसलिए बेंच ने अपने 20 फरवरी के आदेश में पिछले आदेश की पुष्टि की।
न्यायमूर्ति कांत की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, “कुछ इसी तरह का प्रावधान पंचायत चुनाव लड़ने के लिए पात्रता शर्त के रूप में पेश किया गया था। उसे सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में जावेद और अन्य बनाम हरियाणा राज्य मामले में बरकरार रखा है। इसके तहत दो से अधिक जीवित बच्चे होने पर उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करता है। इस प्रावधान का उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देना था।” पीठ ने जाट की अपील यह कहते हुए खारिज कर दी कि हाईकोर्ट के फैसले में किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।
अब 2 से ज्यादा बच्चे रहने पर उसके माता-पिता को सरकारी नौकरी नही मिलेगी। ऐसा हम नही कह रहे..बल्कि सुप्रीम कोर्ट (SC ) ने यह बड़ा फैसल सुनाया है। दरअसल, राजस्थान सरकार के उस फैसले को बरकरार रखा गया है, जिसमें सरकारी नौकरी के लिए 2 बच्चों की पात्रता मानदंड की बात कही गई। सुप्रीम कोर्ट (SC) का मानना है कि राजस्थान सरकार का यह फैसला भेदभावपूर्ण नहीं है और संविधान का उल्लंघन भी नहीं करता है।