हरियाणा की सगी बहनें बनी दूसरी लता मंगेशकर, बॉलीवुड को भी छोड़ा पीछे!
विनय, हरियाणा न्यूज 24
इंडियन आइडियल को टक्कर देने वाला पहला शक्स, म्युजिक सुन रह जाएंगे दंग।
हरियाणा में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, हरियाणा के बच्चे पढ़ाई में खेलों में और अन्य सभी क्षेत्रों में अपना बढ़-चढ़कर भाग लेते है। आपने हरियाणा के काफी प्रसिद्ध कलाकारों के बारे में तो जरूर सुना होगा आज हम ऐसे ही bहोनहार कलाकार और उनके गुरू के बारे में बता रहे हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं रोहतक जिले के प्रेमनगर में नरेश वर्मा म्युजिक मास्टर पिछले चालिस सालों से म्युजिक सिखा रहें हैं और ये अपनाा म्युजिक काफी फिल्मों में भी दे चुके हैं और इन्होंने जिन बच्चों को म्युजिक सिखाया है वो इंडियन आइडियल तक जा चुके हैं।
यहां पर एक छोटा सा लड़का जिसका नाम है कार्तिकेय म्युजिक सिखने के लिए आता है। नरेश जी ने बताया कि कार्तिकेय को म्युजिक सिखते हुए कुछ ही महीनें हुए हैं और इस बच्चे ने मेरी दी गई संगीत शिक्षा का आदर किया है व कुछ ही महीनों में सभी बच्चों से अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है। इस बच्चे की आवाज बहुत ही सुरीली है। कार्तिकेय एक साधरण परिवार से आता है उसने बताया कि उसके पापा की फर्नीचर की फैकट्री है और उसकी माता गृहणी हैं। कार्तिकेय ने बताया कि उसके माता-पिता दोनों उसे एक अच्छा सिंगर बनाना चाहते हैं और कार्तिकेय भी उनके सपने को पूरा करने के लिए पूरे जूनून के साथ मेहनत में लगा हुआ है। कार्तिकेय बेजिझक के गाता है और कोई भी उसका म्युजिक सुनता है तो दंग रह जाता है कि कैसे यह छोटा सा लड़का इतना अच्छा गाता है।
हम जिन बहनों की बात कर रहें उनका नाम है दिशा और तमन्ना यह दोनों सगी बहनें हैं और काफी अच्छा संगीत गाती हैं। उन बहनों ने बताया कि उन्हें गाने का शौक अपने चाचा से मिला हैं उन्होंने बताया कि उनके चाचा भी काफी अच्छा संगीत गाते हैं। दिशा और तमन्ना का परिवार उन्हें अच्छी गायकार बनाना चाहते हैं। तमन्ना ने बताया कि वो जब अपने माता-पिता को अपना संगीत सुनाती हैं तो वो लोग उनकी तारीफ ककरते हैं और कहते हैं कि अभी और मेहनत करो। इन बेटियों ने पराने गीत भी अच्छे से तैयार कर रखें हैं इन्होंने बताया कि कुछ गीत इन्होंने अपनी दादी से भी सीखे हैं।
नरेश जी ने बताया कि उन्होंने अपने म्युजिक को और ज्यादा बढ़ावा देने के लिए मुंबई जाने का प्रयास किया था लेकिन पहली बार जब वो जाने लगे तो उनकी माता की तबियत खराब हो गई थी और जब उन्होंने दूसरी बार जाने का प्रयास किया तो उनकी पत्नी बिमार हो गई और डॉक्टर ने उन्हें गलत दवा देदी जिस वजह से उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई इस कारण नरेश जी दूसरी बार भी मुंबई नहीं जा सके। उन्होंने बताया कि उनका लड़का भी मुंबई में था और वो भी अच्छा गिटार बजाता है व अच्छा गाता भी हैं लेकिन उस समय उन्हें अपने लड़के को भी वापिस बुलाना पड़ा। जितने बच्चे उनके पास म्युजिक सीखने के लिए आते हैं वो उन्हें दिल से म्युजिक सीखाते हैं और जो गरीब बच्चें आते हैं और उनमें अच्छा टैलेंट होता है तो वो उन्हें बिलकुल फ्री में भी म्युजिक सिखाते हैं।