अहीरवाल में बीजेपी का जादू फेल, चुनाव में मिली करारी हार!

- राव इंद्रजीत के बिना चुनाव जीतना चाहती थी बीजेपी!
- राव की नाराजगी, बीजेपी के गलत फैसले बने हार का कारण!
Haryana News 24 (प्रिंस लाम्बा) – निकाय चुनाव के परिणाम में जहां पूरे हरियाणा में बीजेपी की आंधी देखने को मिली, तो वहीं एक नगर निगम ऐसा भी है जहां भाजपा पूरा जोर लगाने के बावजूद चुनाव नहीं जीत पाई और बीजेपी मेयर प्रत्याशी को करारी हार का सामना करना पड़ा। ऐसी नगर निगम सीट जहां सैनी सरकार को जीत की पूरी उम्मीद थी लेकिन एक निर्दलीय प्रत्याशी ने परिणाम पलटकर रख दिया और बीजेपी गच्चा खा गई।
हम बात कर रहे हैं मानेसर नगर निगम की, जोकि अहीरवाल क्षेत्र में आने वाले गुरूग्राम जिले के अंतर्गत आता है, यानि सीधे तौर पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत का प्रभाव वाला इलाका। जहां पहली बार हो रहे निगम चुनाव के लिए बीजेपी ने सुंदरलाल यादव तो कांग्रेस ने नीरज यादव को मेयर प्रत्याशी बनाया। वहीं डॉ. इंद्रजीत यादव और डॉ. विजय सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ा।
क्या रहा चुनावी परिणामः
मानेसर नगर निगम के पहली बार हुए चुनाव में बीजेपी मेयर प्रत्याशी सुदंरलाल यादव को 24100 वोट व निर्दलीय डॉ. इंद्रजीत यादव को 26393 वोट मिले। वहीं 9163 वोटों के साथ एक और निर्दलीय डॉ. विजय सिंह ने तीसरा स्थान व कांग्रेस प्रत्याशी नीरज यादव ने 5143 वोटों के साथ चौथा स्थान प्राप्त किया। ऐसे में मुकाबला बीजेपी व निर्दलीय प्रत्याशी में रहा और 2293 वोटों के साथ आजाद उम्मीदवार डॉ. इंद्रजीत यादव ने जीत दर्ज की।
बीजेपी की हार की असल वजहः
मानेसर में हार का असल कारण राव इंद्रजीत को माना जा रहा है क्योंकि वो निर्दलीय जीतने वाली डॉ. इंद्रजीत यादव को बीजेपी से मेयर प्रत्याशी बनवाना चाहते थे लेकिन बीजेपी ने उनको नजर अंदाज करते हुए सुदंरलाल यादव पर मुहर लगा दी। इसमें सबसे बड़ा हाथ केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर व मंत्री राव नरबीर का माना गया। दोनों नेताओं का राव इंद्रजीत के साथ 36 का आंकड़ा किसी से छुपा नहीं है, इसलिए राव ने सुदंरलाल यादव के लिए एक दिन भी प्रचार नहीं किया। हालांकि राव नरबीर ने बीजेपी प्रत्याशी के लिए भाग-दौड़ में कोई कसर नहीं छोड़ी परंतु राव इंद्रजीत की नाराजगी के चलते सुंदरलाल यादव मानेसर चुनाव में लोगों के बीच वो पकड़ नहीं बना पाए जो जीत के लिए आवश्यक थी। ऐसा भी नहीं है कि केंद्रीय मंत्री को मनाने के प्रयास नहीं किए गए, सुंदरलाल यादव ने जरूर कोशिश की लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं ने बिल्कुल भी प्रयास नहीं किया।
बीजेपी को ले बैठे गलत फैसलेः
मानेसर चुनाव को लेकर ये कहना भी गलत नहीं होगा कि बीजेपी को उसके गलत फैसले ले बैठे। पहला गलत फैसला प्रत्याशी को लेकर क्योंकि बीजेपी ने जीतने वाले नेता पर मुहर नहीं लगाई। दूसरा गलत फैसला राव इंद्रजीत का साथ ना लेना जोकि बीजेपी की सबसे बड़ी भूल रही। भाजपा को गलतफहमी थी कि बिना राव इंद्रजीत अहीरवाल की हॉट सीट मानेसर से चुनाव निकालना आसान होगा लेकिन परिणाम में सबकुछ साफ हो गया।