हरियाणा में आलू उत्पादक किसानों के लिए खुशखबरी, मिलेगा ‘भावांतर भरपाई’ योजना का लाभ:

- आलू उत्पादक किसानों काे मिलेगा भावांतर भरपाई योजना का लाभ
Haryana News 24: योजना का उद्देश्य मंडियों में ब्रिकी मूल्य में गिरावट आने के कारण किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाना है। योजना में कुल 21 बागवानी फसलों को शामिल किया है। इनमें 5 फल फसलें, 14 सब्जी फसलें व 2 मसाला फसलें शामिल हैं। योजना में बागवानी फसलों की उत्पादन लागत के आधार पर संरक्षित मूल्य निर्धारित किया जाता है। मंडियों में ब्रिकी के दौरान उपरोक्त बागवानी फसलों के निर्धारित संरक्षित मूल्य से कम दाम मिलने पर संरक्षित मूल्य व बिक्री मूल्य में अंतर की भरपाई प्रोत्साहन सहायता राशि के रूप में की जाती है।
इस योजना में बागवानी फसलों की उत्पादन लागत के आधार पर संरक्षित मूल्य निर्धारित किया जाता है। योजना के शुभारंभ से अब तक कुल 3,15,614 किसानों ने 7,02,220 एकड़ क्षेत्र का योजना में पंजीकरण करवाया है तथा 110 करोड़ रुपये से ज्यादा की सहायता राशि 24,385 किसानों को दी गई है।
योजना का लाभ लेने के लिए किसान द्वारा अपनी फसल का पंजीकरण ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर किया जाता है। इसका वेरिफिकेशन बागवानी विभाग करता है। फसल को मंडी में ले जाते समय गेट पास जारी किया जाता है। इसके आधार पर ‘जे’ फॉर्म जारी होता है। स्कीम का लाभ भूमि मालिक, पट्टेदार या किरायेदार भी ले सकते हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाएगा। सरकार उन्हें हर जरूरी सुविधाएं प्रदान करने के प्रति संकल्पबद्ध है। सीएम ने कहा कि आलू उत्पादक किसानों को ‘भावांतर भरपाई’ योजना का लाभ देने का निर्णय लिया है।
कृषि और किसान कल्याण सरकार की नीतियों के केंद्र में हैं। किसानों को पिछले वर्ष 2023-24 की बकाया राशि 46.34 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। किसानों को सलाह दी जाती है कि आलू का भाव कम होने की स्थिति में फसल को कोल्ड स्टोर में रखा जा सकता है। हरियाणा सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना में कुल 21 बागवानी फसलों को शामिल किया गया है, जिसमें 5 फल फसलें, 14 सब्जी फसलें व 2 मसाला फसलें शामिल हैं।