दुर्घटना में अविवाहित बेटे की मृत्यु पर मुआवजा पाने के अधिकारी होंगे पिता, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

दुर्घटना में अविवाहित बेटे की मृत्यु पर मुआवजा पाने के अधिकारी होंगे पिता, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
Haryana news 24: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। जिसमें कहा गया है कि किसी अविवाहित युवक की सड़क हादसे में मौत होती है तो उसके पिता को मुआवजा राशि मिलेगी। अदालत ने माना कि मां-बाप बेटे की असमय मृत्यु से सबसे अधिक दु:खी होते हैं। कोई भी मुआवजा उनके नुकसान की भरपाई नहीं कर सकता।
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर दुर्घटना में किसी के अविवाहित बेटे की मौत हो जाती है तो उसके पिता मुआवजा लेने के हकदार होंगे। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि मोटर वाहन दुर्घटना से जुड़े मुआवजे के मामलों में कुछ हद तक अनुमान लगाना आवश्यक होता है। जस्टिस विक्रम अग्रवाल नो दो अलग-अलग याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए यह आदेश दिया।
हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि मोटर वाहन दुर्घटना से जुड़े मुआवजे के मामलों में कुछ हद तक अनुमान लगाना आवश्यक होता है। परिवार की पृष्ठभूमि, मृतक की शिक्षा, व्यवसाय और अन्य सहायक कारकों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। जस्टिस विक्रम अग्रवाल ने यह आदेश दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया।
इस याचिका पर सुनाया फैसला;
बता दें कि यमुनानगर निवासी जोरा सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि उनके 21 वर्षीय बेटे राजिंदर सिंह की हादसे में मौत हो गई थी। उन्होंने मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा दी गई 2.6 लाख रुपये की मुआवजा राशि को बढ़ाने की मांग की थी। दूसरी ओर दुर्घटना में शामिल वाहन चालक बलविंदर सिंह ने दावा किया कि दुर्घटना में उसकी कोई गलती नहीं थी और मुआवजा कम किया जाना चाहिए। दावा अधिकरण ने अपने फैसले में कहा कि राजिंदर सिंह की मृत्यु बलविंदर सिंह की लापरवाही और तेज गति से गाड़ी चलाने के कारण हुई थी। अधिकरण ने मृतक की उम्र, शिक्षा और अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए 2.6 लाख रुपये का मुआवजा निर्धारित किया था। मृतक के पिता जोरा सिंह ने हाईकोर्ट में अपील कर मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की थी।