हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में याची की कोई गलती नहीं थी फिर भी उसे 15 महीने के लिए पेंशन से वंचित कर दिया गया। अब दोबारा पेंशन तय की गई तो उसमें से 9 हजार रुपये प्रतिमाह की कटौती का निर्णय ले लिया गया जो सही नहीं है। हाईकोर्ट ने अब सरकार को अगले 39 माह तक प्रतिमाह 4500 रुपये की पेंशन से कटौती का आदेश दिया है। साथ ही याची को हुई परेशानी के चलते उसे 1 लाख रुपये का मुआवजा जारी करने का आदेश दिया है।