कई होंगे मोदी ‘भक्त’…पर रामचंद्र जैसा नहीं होगा!
कई होंगे मोदी ‘भक्त’…पर रामचंद्र जैसा नहीं होगा! PM के लिए व्रत, पदयात्रा के बाद अब लगा रहे झाड़ू
उम्र के जिस पड़ाव पर इंसान के लिए चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है, उस उम्र में अगर कोई दुनिया की तस्वीर बदलने की ठान ले तो आप क्या कहेंगे जी हां, चरखी दादरी के कारी मोद गांव के 71 साल के रामचंद्र स्वामी अपने आप को पीएम नरेंद्र मोदी का भक्त मानते हैं।
- पीएम मोदी को भगवान कृष्ण स्वरूप मानने वाले रामचंद्र स्वयं को गरीब सुदामा बताते हैं। पीएम से मिलने दो बार दिल्ली तक की पैदल यात्रा भी कर चुके हैं, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई है। मोदी के प्रति उनकी आस्था के चलते लोग उन्हें ‘मोदी भक्त‘ कहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लगन, मेहनत, पहल और विजन से पूरी दुनिया प्रभावित है। उन्होंने केंद्र की सत्ता संभालते ही जिस तरह भारत और देशवासियों की सेवा में खुद को समर्पित किया, उससे वह लोगों के आदर्श बन गए हैं। करोड़ों लोग उनको पसंद करते हैं और उनके बताये रास्ते पर चल रहे हैं। इनमें से एक हरियाणा के चरखी दादरी के कारी मोद गांव के रहने वाले 71 साल के रामचंद्र स्वामी भी हैं, जो प्रधानमंत्री मोदी के परम भक्त हैं। वह प्रधानमंत्री मोदी को भगवान कृष्ण और खुद को गरीब सुदामा बताते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर रामचंद्र स्वच्छाग्रही बनकर दूसरों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं। उनकी मेहनत और समर्पण को देखते हुए कई पंचायतें उन्हें प्रशस्ति-पत्र दे चुकी हैं। वहीं गुजरात में भी स्वच्छता अभियान के लिए उन्हें कई बार प्रमाण-पत्र मिल चुका है।
रामचंद्र स्वामी की प्रधानमंत्री मोदी में इतनी आस्था है कि वह अपने साथ हमेशा उनकी तस्वीर रखते हैं, और उससे प्रेरणा लेते रहते हैं। उनकी प्रधानमंत्री मोदी से मिलने की बड़ी तमन्ना है। इसके लिए 170 किलोमीटर पैदल चलकर दिल्ली पहुंचे। लेकिन उनकी इच्छा अधूरी रह गई। इसके बावजूद उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मिलने की उम्मीद नहीं छोड़ी है। अपना मजबूत इरादा जाहिर करते हुए रामचंद्र स्वामी ने कहा कि वह किसी की सिफारिश पर प्रधानमंत्री मोदी से नहीं मिलना चाहते हैं। अपने काम के बदौलत एक सुदमा भगवान श्रीकृष्ण से मिलेगा।
दरअसल रामचंद्र स्वामी एक ट्रक ड्राइवर थे। अक्सर ट्रक लेकर गुजरात आते-जाते थे। गुजरात में विकास कार्यों से प्रभावित होकर उनके मन में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आस्था जगी। जब 2014 के आम चुनाव के लिए बीजेपी ने नरेन्द्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाया तो उन्हें खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने उनके प्रधानमंत्री बनने की कामना करते हुए तीन महीने नौ दिन का उपवास रखा। करोड़ों लोगोंं की तरह रामचंद्र की भी कामना पूरी हुई और नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री निर्वाचित हो गए। इससे रामचंद्र का प्रधानमंत्री मोदी में अटूट आस्था बन गई,जो आज भी बनी हुई है।