बवासीर का हजारों साल पुराना इलाज, मात्र 35 सेकंड में बवासीर खत्म!
बवासीर का हजारों साल पुराना इलाज, मात्र 35 सेकंड में बवासीर खत्म!
विनय, हरियाणा न्यूज 24
- बवासीर (Piles)
बवासीर यानी पाइल्स एक गंभीर बीमारी है, जिसमें व्यक्ति को अपने नित्यकर्म में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। किसी पुरानी कब्ज और टाइट दस्त के कारण बवासीर की समस्या ट्रिगर हो सकती है। मलाशय और मलमार्ग में फोड़ों को बवासीर के रूप में जाना जाता है। बवासीर की समस्या ज्यादा होने पर व्यक्ति को उठने-बैठने में भी समस्या होने लगती है। इसके अलावा कई ऐसे लक्षण हैं जो बवासीर की ओर संकेत करते हैं।
- इस समस्या में रोगी को गंभीर कब्ज, मलद्वार में असहनीय तकलीफ, कांटों सी चुभन, जलन आदि गंभीर समस्याएं होती हैं, जो रोगी को कमजोर बना देती हैं। ऐसे में इसका एकमात्र सही व सटीक इलाज ही रोगी को इस समस्या में राहत दिला सकता है। रोगी अपना इलाज करवाने के लिए बहुत पैसे भी खर्च कर रहे हैं, लेकिन वो ठीक नहीं हो पाते। ऐसे में कई बार डॉक्टर भी लोगों को गुमराह करते हैं। लेकिन अब और नहीं क्योंकि मिल गया है बवासीर (पाइल्स) का पक्का रामबाण इलाज।
- भारत में आज भले ही आयुर्वेद लोगों की पहली पसंद ना हो, परंतु एक समय ऐसा भी था जब लोग एलोपैथी का नाम तक नहीं जानते थे। हर प्रकार की बीमारी का इलाज आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से ही किया जाता था। यकीन करना मुश्किल होगा परंतु सर्जरी भी आयुर्वेद की ही देन है। एलोपैथी में सर्जरी की शुरूआत करीबन 17-18वीं शताब्दी से हुई थी।
- सर्जरी का नाम लेते ही मुख्यत: बवासीर और भगंदर का नाम दिमाग में आ जाता है, जो बेहद कष्टदायक बीमारियां है। वर्तमान दौर में ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि प्रत्येक घर में कोई न कोई रोगी इन बीमारियों से जूझता मिल ही जाता है। लेकिन सवाल सिर्फ ये है, आखिर इनका इलाज क्या है? इस बारे में जानकारी देते हुए नंदनी बवासीर हॉस्पिटल पानीपत से विशेषज्ञ डॉ विनय ने बताया कि आमतौर पर बवासीर और भगंदर को ही लोग जानते हैं परंतु ये भी कई प्रकार की होती हैं। हर रोगी का इलाज मात्र हालात देखकर नहीं बल्कि बवासीर या भगंदर का आकार, होने के कारण को मद्देनजर रखकर किया जाता है।
- उन्होंने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में क्षार सूत्र द्वारा बवासीर और भगंदर जैसी बीमारियों का इलाज पूर्णतया: संभव है। इस विधि द्वारा पुराने से पुराने रोगी को भी जल्द छूटकारा मिल जाता है। उन्होंने क्षार सूत्र के बारे में बताते हुए कहा कि क्षार सूत्र मूलत: एक धागा होता है जो पूरी तरह आयुर्वेदिक तरीके से औषधियों के साथ तैयार किया जाता है। इस विधि द्वारा इलाज के दौरान ना कोई चिरफाड़ की जाती है और ना ही खून रिसाव होता है। साथ ही अन्य विधियों के मुकाबले यह इलाज का सबसे सस्ता और प्रभावशाली तरीका है।
- डॉ विनय ने रोगियों को जागरूक करते हुए बताया कि जिस सर्जरी का श्रेय एलोपैथी चिकित्सा पद्धति हमेशा लेती रही है, उसकी शुरूआत आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में हजारों वर्ष पहले हो गई थी, जिसे शल्य चिकित्सा में नाम से जाना जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि इन बीमारियों से ग्रस्ति रोगियों के साथ सबसे अधिक ठग्गी होती है, साथ ही उनकी जान से भी खिलवाड़ किया जाता है। प्रत्येक गली, चौराहे, मौहल्ले, कस्बे और शहर में गारंटी के साथ बवासीर और भगंदर का इलाज का दावा करने वालों की भरमार है परंतु ऐसे लोगों से सचेत रहने की आवश्यकता है। किसी भी डॉक्टर से इलाज करवाने से पहले उनकी डिग्री अवश्य जांच ले और फर्जी चिकित्शक से ना इलाज करवाएं, ना ही कोई दवाई लें।