लोहार की बेटी ने कुश्ती में लहराया परचम, पिता ने मजदूरी कर खिलाया!
विनय, हरियाणा न्यूज 24
कहते हैं कि कमल के फूल हमेशा कीचड़ में ही उगते हैं.. इस बात को इस छोटी सी लड़की ने साबित कर दिखाया है जिसका नाम है पूजा। इस बेटी ने अनोखा चमत्कार कर दिखाया है। यह लड़की उम्र में छोटी जरूर है लेकिन इसका हौसला और जूनून बहुत बड़ा है और जिसके हौसलों में जान होती वो कुछ भी कर सकता है।
दरअसल हम बात कर रहे हैं हरियाणा राज्य के चरखी दादरी जिले के गांव पिचौपा की रहने वाली होनहार और मेहनती लड़की पूजा की। यह एक काफी गरीब घर की लड़की है जिसने छोटी सी उम्र में कुश्ती में परचचम लहरा दिया है। उम्र छोटी है लेकिन इसमें टैलेंट बहुत है बस किस्मत में ही गरीबी लिखी है अगर यह किसी अमीर घर में पैदा होती तो आज पूरे हिंदुस्तान का सितारा बन जाती, लेकिन पिता काफी गरीब है और मेहनत-मजदूरी करके घर का पालन पोशन करता है। पूजा ने कुश्ती में सिल्वर मेडल भी जीत लिया है और उसके घर वालों को पूरा विश्वास है कि एक न एक दिन हमारी लड़की पूरे विश्व में जरूर इतिहास रचेगी।
पूजा कुश्ती के लिए खून-पसीना एक करके मेहनत करती है। पूजा ने बताया की मैं रोजाना सुबह पांच बजे उठती हूं और अखाड़े में कुश्ती खेलने के लिए जाती हूं। वहां जाकर वो सबसे पहले वॉर्मअप होती है और फिर अखाड़े को साफ
करती है उसके साथ गांव के और भी बच्चे कुश्ती की तैयारी करते हैं। कुछ घंटे वरजिश करने के बाद वो घर जाती हैं और फिर तैयार होकर स्कूल के लिए जाती है। पूजा शाम को स्कूल से वापिस आकर पढ़ाई करती है और फिर से शाम को अखाडे में कुश्ती खेलने जाती है।
पूजा के पिता एक गरीब मजदूर हैं और वो मेहनत मजदूरी करके घर का पालन पोशन करता है। उन्होंने बताया कि पूजा को ऐ अच्छी कुश्ती की खिलाड़ी बनाना चाहता हूं। मैं काफी गरीब हूं लेकिन मैं पूजा को डाइट देने की पूरी कोशिश करता हुं। पूजा के पिता ने बताया कि पूजा अकेली की डाइट एक महिने का कम से कम आठ से दस हजार रूपये तक का खर्च सामान्य खाने से अलग हो जाता है, हम सुबह पूजा को दूध के साथ बादाम और तीन-चार चीजों को कूटकर पिलाते हैं। पूजा के दादा भी कुश्ती के खिलाड़ी रह चुके हैं और वो पूजा को खेलने के लिए प्ररित करते हैं। पूजा के कुश्ती खेलने में पूजा का पूरा परिवार खुश है और पूजा को एक बड़ी खिलाड़ी के रूप में देखना चाहते हैं।