लडकियों की शादी की उम्र बढ़ाने पर किया खापों ने विरोध , महिला संगठन समर्थन में।
 
                सोनिका सिंधु, हरियाणा न्यूज 24
कई घरों में आज भी लड़कियों को बोझ माना जाता है। 18 साल की होने के बाद लड़कियों को लेकर जो सामाजिक दबाव रहता है, वह उनके परिवार पर भी नजर आने लगता है और कुछ परिवारों को तो लड़कियां खटकने ही लगती हैं। जैसे-तैसे किसी अजनबी के साथ उनकी शादी करा दी जाती है।

लडकियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल करने को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। परंतु एक तरफ खाप पंचायतों ने इसका विरोध किया है। खाप प्रतिनिधि का कहना है कि इससे ग्रामीण इलाकों में नकारात्मक प्रभाव पडेगा। वहीं दूसरी तरफ महिला संगठन समर्थन में है, लेकिन वे सुरक्षा व रोजगार की गारंटी चाहती हैं।
अब संसद में प्रस्ताव पास करके पूरे देश में लडकियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष कर दी गई है। इसका मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि कम उम्र मेंं शादी होने से न तो लडकियां अच्छे से पढ़ाई कर पाती हैं और न ही घर की अन्य जिम्मेदारी उठा पाती हैं। शादी की न्यूनतम उम्र बढ़ाने से लडकियों के आगे बढऩे में सकारात्मक प्रभाव पडेगा।
जहां इस प्रस्ताव से कई संगठन समर्थन कर रहें हैं वहीं खाप पंचायत ने इस प्रस्ताव को गलत ठहराया है। महिला संगठन का कहना है कि शादी की न्यूनतम उम्र बढ़ाना गलत नहीं है परंतु हमें बच्चियों के सुरक्षित माहौल से लेकर उनके रोजगार की भी गारंटी चाहिए।

बेटियों को सुरक्षा व रोजगार की गारंटी भी मिले:
शादी की उम्र 21 करना तो ठीक है, लेकिन अकेले कानून बनाने से कुछ नहीं होगा। सरकार को महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल से लेकर रोजगार की गारंटी भी देनी होगी। बेटियों को पढ़ने के बाद रोजगार भी चाहिए।
गरीब माता-पिता की परेशानी भी देखे सरकार:
सरकार ग्रामीण क्षेत्र में माहौल व हालात को भी देखे, जहां 10वीं व 12वीं करने के बाद गरीब माता-पिता बेटी की शादी करने की सोचता है। क्योंकि वह बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता है। शिक्षा के आधार पर सरकार बेटियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल करने का निर्णय तो लेने जा रही है, लेकिन हर पहलू पर विचार किया जाना चाहिए।

 
                         
                                                          
                                                          
                                                          
                                                         