हरियाणा में MSP पर कपास खरीद को लेकर मचा बवाल, सरकार पर जड़े आरोप
हरियाणा के चरखी दादरी जिले से कपास की सरकारी खरीद का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कपास की सरकारी खरीद महज कागजों तक ही सीमित है और जिले की मंडियों में कपास की सरकारी खरीद दिखाई नहीं दे रही है। वहीं, मार्केट कमेटी के अधिकारियों ने दावा करते हुए कहा है कि जिले में करीब 1500 क्विंटल कपास MSP पर खरीदी गई है।
किसानों-आढ़तियों को नुक़सान:
चरखी दादरी आढ़ती एसोसिएशन के उप प्रधान राधेश्याम मित्तल ने कहा कि कपास की सरकारी खरीद नहीं होने से किसानों और आढ़तियों को नुक़सान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से कपास खरीद शुरू करने की मांग की है। किसानों का कहना है कि गुलाबी सूंड़ी और मौसम की मार से कपास उत्पादन प्रभावित हुआ है और ऊपर से सरकार MSP पर नहीं खरीद रही है, जिससे किसानों को दोहरा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। किसान औने- पौने दाम पर फसल बेचने पर मजबूर हो गए हैं।
जड़े सरकार पर आरोप:
किसानों ने सरकार पर आरोप जड़ते हुए कहा कि जिले में सरकारी खरीद की हमें कोई जानकारी नहीं है। किसानों से सरकारी खरीद के तहत कोई कपास नहीं खरीदी गई है। किसानों का आरोप है कि बड़े आढ़तियों से कपास खरीदकर सीधे मिलों में भेजा जाता हो तो उन्हें पता नहीं, लेकिन मंडी में कपास खरीद अभी तक नहीं हुई है। किसानों ने सरकार के 1500 क्विंटल कपास की सरकारी खरीद के दावे को ऊंट के मुंह में जीरे के समान बताया।