हरियाणा में पराली जलाने पर बड़ी कार्रवाई: पटवारी और पंचायत सेक्रेटरी सस्पेंड, 15 किसानों पर FIR
HaryanaNews24– हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए सिरसा जिले में एक बड़ी कार्रवाई की है। जिले के विभिन्न गांवों में पराली (फसल अवशेष) जलाने के मामलों में कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में एक पटवारी और एक पंचायत सेक्रेटरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित (सस्पेंड) कर दिया गया है। इसके साथ ही, 15 किसानों के खिलाफ भी पुलिस में प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की गई है।
- मामले का विवरण:
यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर बना हुआ है, जिसका एक प्रमुख कारण पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना माना जाता है। सरकार ने स्थानीय अधिकारियों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में ऐसी घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए थे।
सूत्रों के अनुसार, सिरसा जिला प्रशासन द्वारा की गई जांच में पाया गया कि निलंबित किए गए पटवारी और पंचायत सेक्रेटरी ने अपने इलाके में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठाए और न ही समय पर इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी। इसे सरकारी आदेशों की अवहेलना मानते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।

- प्रशासन का सख्त रुख:
जिला उपायुक्त (DC) ने स्पष्ट किया है कि पराली जलाने के मामलों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, “सभी संबंधित अधिकारियों, चाहे वह राजस्व विभाग के हों या पंचायत विभाग के, को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि वे अपने क्षेत्रों में किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करें और उल्लंघन करने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई करें।”
जिन 15 किसानों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है, उन पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
- जागरूकता और कार्रवाई:
स्थानीय प्रशासन किसानों को पराली प्रबंधन के वैकल्पिक तरीकों, जैसे कि हैप्पी सीडर (Happy Seeder) या अन्य मशीनों का उपयोग करके पराली को मिट्टी में मिलाना, के बारे में लगातार जागरूक कर रहा है। कृषि और किसान कल्याण विभाग, हरियाणा की वेबसाइट पर किसानों के लिए इन योजनाओं और सब्सिडी की जानकारी उपलब्ध है।
इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि सरकार पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है और अधिकारियों की जवाबदेही तय की जा रही है।
