“कारगिल वॉर में खोया सुहाग”, 24 साल की तपस्या कर इकलौते बेटे को भी भेजा फौज में… बनाया लेफ्टिनेंट:

Haryana News 24: महेंद्रगढ़ के भगड़ाना गांव की वीरांगना, कारगिल युद्ध में बलिदान हुए शहीद आनंद कुमार जी की पत्नी ने अकेले ही खेती-पशुपालन कर दो बेटियों और एक बेटे को पाला-पोसा और आज उनका बेटा अरुण भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गया है। यह सिर्फ एक मां की विजय नहीं, यह पूरे देश की प्रेरणा है।
परिवार की तीसरी पीढ़ी सेना में:
शर्मिला देवी ने बताया कि उनके पति आनंद कुमार सेना में सिपाही थे। वहीं, उनके पिता हजारी लाल भी भारतीय सेना में थे। पति आनंद कुमार के सिर से महज छह साल की उम्र में पिता हजारी लाल का साया उठ गया था। बेटे अरुण का सपना पिता की तरह भारतीय सेना में जाने का था। उसने कड़ी मेहनत की और सेना में लेफ्टिनेंट बनकर तीसरी पीढ़ी के रूप में देश सेवा कर रहा है।
बेटा अरुण एसएसबी परीक्षा पास कर बने लेफ्टिनेंट:
शर्मिला ने बताया कि बेटा अरुण बीटेक करने के बाद एसएसबी की परीक्षा पास कर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन चुका है। वहीं, बड़ी बेटी जोनी बीएड, एमएससी, सीटेट और रीट की परीक्षा पास कर शिक्षक बनने की तैयार कर रही है। छोटी बेटी सुमित भी नर्सिंग से एमएससी कर पीएचडी कर रही है।