आटा चक्की चलाने वाले का बेटा दस सरकारी नौकरी छोड़ बना IES ! बताया सफलता का राज?
 
                विनय, हरियाणा न्यूज 24
कड़ी मेहनत के बल पर किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। अगर आपके हौसले बुलंद हैं और कुछ कर दिखाने की तम्म्रा आपके मन में है। फिर चाहे आप किसी छोटे गांव से हो या किसी बड़े शहर से आपको सफलता जरूर मिलेगी। भले ही आपके पास धन दौलत हो या ना हो इससे कोइग् फर्क नहीं पड़ता। इस बात को साबित किया है हरियाणा के हिसार जिले के गांव मुकलान में रहने वाले अशोक कुमार ने। इस छोटे से गांव में रहने वाले अशोक कुमार ने अपनी सफलता से सभी को हैरान कर दिया है।

आपको बताते चलें की हिसार के रहने वाले अशोक एक साधारण परिवार से संबंध रखते हैं उनके पिता आटा चक्की चलाकर अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कॉरपरेट रिस्पॉन्सिबिलिटी स्कीम की वजह से ही अशोक अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर सके। अशोक ने दसवीं तक की पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल में की, दसवीं करने के बारद नॉनमेडिकल लेकर ग्याहरवीं व बाहरवीं की पढ़ाई प्राइवेट स्कूल से पूरी की। इसके बाद शहर जाकर मैकेनिकल ब्रांच से बीटेक पूरी की।

अशोक ने बताया कि वह अपनी पढ़ाई पूरी होते ही इंजीनियरिंग से संबंधित सभी परिक्षाओं की तैयारी में जुट गए थे। उन्होंने बताया कि कोरोना काल आने के कारण कोई परिक्षा नहीं हो रही थी तो उस समय का अशोक ने अच्छा लाभ उठाया व सभी परिक्षाओं की बहुत अच्छी तैयारी कर ली। कोरोना काल के बाद जब परिक्षा हुई तो अशोक ने दस से भी ज्यादा परिक्षाएं पास करली थी। उसके बाद अशोक का भाभा में साइंटिस्ट के तौर पर सिलेक्सन हुआ वहां से इस्तीफा देने के बाद इसरो में न्यूक्लियर साइंटिस्ट की पोस्ट पर सिलेक्सन हुआ अशोक ने वहां से भी इस्तीफा दे दिया। उसके बाद अशोक उत्तरप्रदेश में S.H.O की पोस्ट पे जॉइन किया और अब I.E.S ऑल इंडिया में दसवां स्थान प्राप्त किया है।

अशोक ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पिता मांगेराम व अपनी माता कलावती को दिया है। आज अपने बेटे की इतनी बड़ी सफलता पर अशोक के माता-पिता बहुत खुश हैं व उन्हें अपने बेटे पर पूरा गर्व है। अशोक के पिता ने बताया कि अशोक शुरू से हरी पढ़ाई में बहुत अच्छा है व घर की आर्थिक तंगी के चलते गांव के सरकारी स्कूल में ही अशोक ने यह मुकाम हासिल किया है। अशोक की माता ने कहा कि हमारे देश के सभी बच्चों को मन लगाकर पढऩा चाहिए व हमारे देश का नाम रोशन करना चाहिए।

 
                         
                                                          
                                                          
                                                         